गोरखपुर (ब्यूरो)।यह वृद्धि 0.11 है। इस बढ़त के बाद भी गोरखपुर पुलिस रेंज में सबसे निचले पायदान पर है। पहले नंबर पर कुशीनगर को 82.37 परसेंट रेटिंग मिली है, जबकि दूसरे पर महाराजगंज को 79.65 परसेंट, देवरिया 66.38 परसेंट के साथ तीसरे पर है। वहीं गोरखपुर पुलिस को सबसे कम 66.38 परसेंट पब्लिक अप्रूवल रेटिंग मिली है और यह सबसे नीचे है।

आईजीआरएस निस्तारण में भी पीछे

नवंबर माह के रेटिंग के अनुसार आईजीआरएस पोर्टल पर आई शिकायतों के निस्तारण करने में भी गोरखपुर पुलिस काफी पीछे है। अक्टूबर माह में इस मामले में थोड़ा सुधार जरूर हुआ था, जो नंवबर में आकर एक बार फिर घट गया। पब्लिक से मिले फीडबैक के अनुसार सितंबर माह में केवल 31.1 परसेंट, अक्टूबर में बढ़कर 36.2 और नवंबर माह में 27.2 परसेंट लोगों ने ही संतुष्टि दर्ज कराई है। ये आकड़े बता रहे हैं कि पब्लिक पुलिस के आईजीआरएस निस्तारण के काम से संतुष्ट नहीं है। नवंबर माह में 72.8 परसेंट लोगों ने अपनी असंतुष्टि दर्ज कराई है।

आईजीआरएस निस्तारण में आगे कुशीनगर

जिला संतुष्ट असंतुष्ट

कुशीनगर 81.8 18.2

महाराजगंज 71.2 28.8

देवरिया 39.0 61.0

नोट- नवंबर के ये आकड़े परसेंटेज में हैं।

गोरखपुर में चार पिलर्स पर हुआ सुधार

टिवटर पोल

अतिउत्तम खराब

61.2 21.1 परसेंट

डायरेक्ट पोल

अतिउत्तम खराब

76.7 7.4 परसेंट

एफआईआर, एनसीआर

अतिउत्तम खराब

70.8 4 परसेंट

पीआरवी

संतुष्ट असंतुष्ट

79.2 20 परसेंट

पासपोर्ट, कैरेक्टर

अतिउत्तम खराब

83.2 16 परसेंट

बढ़ गई वोट की संख्या

अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में 449 वोट की संख्या बढ़ी है। गोरखपुर पुलिस को अक्टूबर में 4861 और नवंबर 5310 वोट मिले हैं।

पांच पिलर्स पर लिए जाते फीडबैक

पब्लिक अप्रूवल सिस्टम के तहत पांच पिलर्स आईजीआरएस, पीआरवी, डायरेक्ट पोल, टविटर पोल, एफआईआर, पासपोर्ट और कैरेक्टर सर्टिफिकेट पर पब्लिक का फीडबैक मांगा जाता है। पांच पिलर्स पर पुलिस कैसा काम कर रही पब्लिक को उसके अनुसार ही तीन ऑप्शन अति उत्तम, उत्तम और खराब में से किसी एक पर अपना वोट देना होता है।

जोन में लिया जा रहा फीडबैक

गोरखपुर जोन के 11 जिले में पब्लिक अप्रूवल सिस्टम के तहत पुलिस की कार्यप्रणाली पर पब्लिक का फीडबैक लिया जा रहा है। इससे सभी जिले की पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार आया है।

पीएआर सिस्टम से पुलिस के कार्यप्रणाली में काफी सुधार देखने को मिल रहा है। आईजीआरएस में पब्लिक का फीडबैक कम आ रहा है। इस पर पुलिस को और मेहनत करनी होगी। जिससे पब्लिक का फीडबैक अच्छा आए।

अखिल कुमार, एडीजी