derva : बड़हलगंज विकास खंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डेरवा पर 20 मार्च को प्रसव पीड़ा होने लगी। पांच बजे सोनी पत्नी रामदेव ग्राम बेलवा दाखिली को प्रथम प्रसव पीड़ा होने पर भर्ती कराया गया। जहां पर स्टाफ नर्स शीला मौर्या उसका इलाज करने लगी। मगर 21 मार्च को शाम छ बजे प्रसूता की हालत नाजुक होने लगी। मगर अस्पताल से कोई भी जिम्मेदार वहां नहीं पहुंचा।
ग्रामीणों ने लगाया वसूली का आरोप
गर्भवती महिला का डेरवा में मइका होने की वजह से जब उसके परिवार वाले वहां जुटने लगे तो स्वास्थ्यकर्मी भी वहां पहुंचने लगे। परिजनों ने स्टाफ नर्स पर आरोप लगाया कि वह रविवार से ही अपने प्राइवेट क्लीनिक में प्रसूता को भर्ती करने का अरोप लगा रही हैं। जब वह पिडहनी में ही मरीजों को भर्ती कर मोटी रकम लेकर इलाज करते हैं। इस दौरान गुस्साए ग्रामीणों ने स्टाफ नर्स के खिलाफ ग्रामीणों ने नारेबाजी की और आरोप लगाया कि प्रसव कराने के बदले पांच हजार की मांग की जा रही है। इस संम्बध में जब डेरवा प्रभारी डॉ। चंद्रशेखर गुप्ता से बात की गई तो कि गई तो उन्होंने बताया कि हम गोरखपुर मीटिंग में आए हैं। हंगामे की सूचना मिली है कि महिला को फीवर ज्यादा होने के कारण रेफर कर दिया गया।