- कैम्पियरगंज चौराहे पर लगाया जाम

-ढाई घंटे तक चला उपद्रव, थाने पर जमकर पथराव

-भीड़ ने रोडवेज बस फूंकी, पुलिस अपाची को भी किया आग के हवाले

GORAKHPUR: कैम्पियरगंज में बुधवार को छोटा सी बात बड़े बवाल में तब्दील हो गई। हत्यारोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने व उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर गांव वालों ने कैम्पियरगंज चौराहे पर चक्का जाम कर दिया। नाराज लोगों थाने को भी चारों तरफ से घेर कर पथराव भी किया। पुलिस वालों ने छिपकर किसी तरह अपनी जान बचाई। इसके बाद भी जब पुलिस सामने नहीं आई तो गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क का रुख किया और रोडवेज की बस के साथ ही पुलिस की अपाची भी आग के हवाले कर दिया। करीब ढाई घंटे तक चले उपद्रव के बाद डीएम, एसएसपी, एसपीआरए, एसडीएम के साथ भारी मात्रा में पुलिस फोर्स भी मौके पर पहुंच गई। तब जाकर हालात पर काबू पाया जा सका। इस मामले में पुलिस ने चार नामजद समेत पांच सौ अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

पुलिस कार्यप्रणाली से ग्रामीण नाराज

मंगलवार को लोहरपुरवा स्थित भगवानपुर गांव के समीप रेलवे टैक के किनारे डेड बॉडी मिली थी। कैम्पियरगंज के सरपतवा बरही टोला निवासी हरिश्चंद्र भारती के बेटे संजय कुमार अपने चचेरे भाई दिलीप के साथ सोमवार की रात बाइक से निकला था। लाश बरामद होने के बाद मृतक संजय के परिवार वाले दिलीप पर हत्या करने की शंका जाहिर की, लेकिन पुलिस इसे आत्महत्या करार दे रही थी। परिवार वाले पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज थे। तहरीर थाने में पड़ी रही, इसके बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे नाराज सरपतवा बरही टोला और वनभालपुर के लोग बड़ी संख्या में सुबह करीब 10 बजे थाने पहुंचे और आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग की। थानेदार ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हवाला देकर वापस लौटा दिया।

मुकदमा न दर्ज करने पर भड़का गुस्सा

पुलिस के मुकदमा न दर्ज करने और बहाना बनाने से ग्रामीण खासे नाराज हुए और उनका गुस्सा वहीं फूट पड़ा। गुस्साए ग्रामीणों ने कैम्पियरगंज मेन चौराहे पर पहुंचकर करीब 10.30 बजे जाम लगा दिया। थाने पर पुलिस ना होने का फायदा उठाते हुए ग्रामीणों ने जमकर बवाल काटा। मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पहले उन्होंने लोगों को समझाकर जाम हटवाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण कार्रवाई की मांग कर रहे थे। पुलिस ने जब हल्का बल प्रयोग किया तो ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिसिया कार्रवाई से उनका गुस्सा इतना बढ़ गया कि उन्होंने थाने पर चढ़कर ही पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी को चोटें भी आई। इतना ही नहीं भीड़ ने पुलिस कर्मियों को थाने तक खदेड़ लिया और पुलिस अपनी जान बचाती नजर आई।

बस में तोड़फोड़ आगजनी

कैम्पियरगंज चौराहे पर दो पुलिसकर्मी उपद्रवियों को भगाने में लगे थे। फोर्स अधिक ना होने का फायदा उठाकर लोगों नें थाने पर पथराव किया। इस दौरान पीएसी पहुंच गई। लोगों ने सिद्धार्थनगर डिपो की बस में तोड़फोड़ शुरू कर दी। वहीं गोरखपुर डिपो और एक अपाची को आग के हवाले कर दिया। एक घंटे बाद मौके पर डीएम रंजीन कुमार, एसएसपी लव कुमार, एसपीआरए ब्रजेश कुमार सिंह, एसडीएम और भारी फोर्स पहुंच गई। तब जाकर मामला शांत हुआ।

जज बन जाते है थानेदार

कैम्पियरगंज एरियाज में शंका के आधार पर हत्या का मामला दर्ज कराने पहुंचे परिजनों की बात पर कार्रवाई कर लेती तो इतना बड़ा मामला नहीं होता। थानेदार खुद को जज मान लेते हैं और अपनी मनमर्जी चलाते हैं, इसलिए अधिकांश मामले बिगड़ जाते हैं। इस मामले में भी अगर तहरीर के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया होता, तो हालात इतने गंभीर नहीं होते। उन्होंने पोस्टमॉर्टम का बहाना बनाकर लोगों को वापस लौटाने की कोशिश की, इस पुलिसिया लापरवाही की वजह से केस दर्ज नहीं हुआ, जिससे ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। जबकि अगर रूल्स पर नजर डालें तो तहरीर मिलने के बाद पुलिस को तत्काल मुकदमा दर्ज कर लेना चाहिए।