- मानक पूरे किए बिना टावर लगाने का लगाया आरोप

- शहर में फैला टावरों का जाल, जीडीए और नगर निगम के पास नहीं है आंकड़ा

GORAKHPUR : शहर में मोबाइल टावर कुकुरमुत्ते की तरह लग रहे हैं। धड़ल्ले से लगाए जा रहे मोबाइल टावरों का कोई डाटा जीडीए के पास नहीं है। इसलिए वह कोई जानकारी नहीं दे पा रहा। कुछ दिन पहले आर्य नगर में लगाए गए टावर के बारे में कई बार जानकारी मांगी गई। जीडीए की ओर से जानकारी ने दिए जाने पर ट्यूज्डे को पार्षद राजेश जायसवाल, पार्षद प्रतिनिधि ऋषि मोहन वर्मा, भाजपा नेता देवेश वैश्य और व्यापारी नेता रमेश प्रताप गुप्ता के नेतृत्व में गंगेज चौराहे पर धरना प्रदर्शन शुरू हुआ। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे नगर निगम के अधिकारियों और कोतवाली थाना क्षेत्र के इंस्पेक्टर ने टावर वाले घर के मालिक को तत्काल टावर हटाने का आदेश दिया। अफसरों के आदेश के बाद पब्लिक वहां से हटी।

स्कूलों के बीच कैसे मिली परमिशन?

आर्य नगर में लगाये गये मोबाइल टावर के अगल-बगल 5 से अधिक स्कूल हैं। जीडीए ने मानकों को दरकिनार कर टावर लगाने की परमिशन दे दी। राजेश जायसवाल और देवेश वैश्य ने कहा कि इस मोबाइल टावर के अगल-बगल में सरस्वती विद्या मंदिर, गंगा नर्सरी स्कूल, अमर सिंह पब्लिक स्कूल, किड जी स्कूल, राज नर्सिग होम जैसे संस्थान हैं, फिर भी यहां टावर लग रहा है। ऋषि मोहन वर्मा और रमेश प्रताप गुप्ता ने कहा कि जीडीए के सचिव और उपाध्यक्ष को इस बारे में कई बार जानकारी दी गई है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अफसरों की लापरवाही के कारण सिटी में मोबाइल टावर्स का जाल फैल गया है।