गोरखपुर (ब्यूरो).छात्रसंघ बहाली को लेकर यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स पिछले 11 दिनों से शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। मगर यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों ने उनके पास पहुंचने तक की जहमत गवारा नहीं की, जिसके बाद छात्रों ने तीन दिन पहले भूख हड़ताल शुरू कर दी। इसके बाद भी कोई जिम्मेदार छात्रों का हाल लेने के लिए नहीं पहुंचा। इस बीच भूख हड़ताल कर रहे हड़ताल पर बैठे जतिन मिश्रा, सतीष प्रजापति और सुदरम राय की तबीयत बिगडऩे लगी, जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां प्राथमिक इलाज के बाद वह फिर धरने पर लौट आए।
सुधि न लेने पर उग्र हुए छात्र
छात्रों की तबीयत बिगडऩे के बाद भी जब कोई जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचा तो इससे गुस्साए छात्र सड़कों पर आ गए। पहले उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे बाजी की, इसके बाद वहीं सड़कों पर बैठ गए और यूनिवर्सिटी रोड जाम कर दी। मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई और छात्रों को वहां से हटाने की कोशिश करने लगी। जब पुलिस ने सख्ती से उन्हें हटाने की कोशिश की, तो छात्र और उग्र हो गए और वहीं सड़कों पर लेट गए।
मान-मनौवल के बाद रोड खाली
काफी देर के जब बात नहीं बनी तो पुलिस ने उन्हें प्यार से समझाने की कोशिश की, लेकिन इसके बाद भी बात नहीं बनी। काफी मान-मनौवल के बाद छात्रों रोड खाली की। मगर उसके बाद छात्रनेता एडी बिल्डिंग गेट के सामने बैठ गए। इस बीच मौके पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट अंजनी कुमार सिंह ने भी छात्रों से भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की, लेकिन उनको भी खाली हाथ वापस जाना पड़ा।
आम स्टूडेंट्स हुए परेशान
रोड ब्लॉक होने की वजह से आम पब्लिक के साथ ही यूनिवर्सिटी के आम स्टूडेंटृस को काफी परेशानी उठानी पड़ी। एक तरफ जहां रोड जाम रही वहीं दूसरी तरफ एडी बिल्डिंग का गेट बंद रहा। इससे यूनिवर्सिटी पहुंचे स्टूडेंट्स का काम नहीं हो सका। यूनिवर्सिटी में बहुत से स्टूडेंट्स का रिजल्ट इनकम्प्लीट दिखा रहा है। इसको लेकर वह कई दिनों से एडमिनिस्टे्रटिव बिल्डिंग का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन मंगलवार को गेट बंद होने की वजह से उनका कोई काम नहीं हो पाया और उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा।
वीसी के आश्वासन पर धरना खत्म
वीसी प्रो। राजेश सिंह ने छात्रों से गुरुवार की शाम मुलाकात की। छात्रनेताओं ने बताया कि इस मुलाकात में वीसी ने उन्हें आश्वासन दिया कि है कि वह छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए तैयार हैं और इसके लिए शासन को पत्र लिखकर अनुमति लेंगे। इसके बाद छात्रनेताओं नें अपना धरना खत्म कर दिया।