गोरखपुर (ब्यूरो)। रोडवेज, प्राइवेट बस व ऑटो ड्राइवर्स के स्ट्राइक पर चले जाने से मुसाफिरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मजबूरन पैसेंजर अपना सामान लेकर पैदल ही निकल पड़े। हड़ताल से एक दिन में 1.21 करोड़ का नुकसान हुआ। साथ ही पैसेंजर्स को छोडऩे वाले ई-रिक्शा ड्राइवर्स ने भी चांदी काटी और अतिरिक्त किराया वसूल किया।

3 तक हड़ताल

केंद्र सरकार के नए सड़क कानून के खिलाफ ड्राइवर 1 से 3 जनवरी तक हड़ताल पर रहने की बात कर रहे हैैं। 31 दिसंबर 2023 की देर रात के बाद से ही बस और ऑटो ड्राइवर जहां-तहां अपनी गाड़ी खड़ी कर चले गए। इससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई।

हड़ताल की वजह

बता दें, नए कानून के मुताबिक, हिट एंड रन केस में अब 10 लाख रुपए का जुर्माना और 7 साल की सजा तय कर दी गई है। इसको लेकर देशभर में आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने विरोध की अगुवाई की है। सभी शहरों में चक्का जाम कर दिया गया है। सोमवार को गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन से विभिन्न रुट पर चलने वाली 1500 से ज्यादा बसें, राप्तीनगर बस स्टैंड से 250 बसें और नौसढ़ बस अड्डे से चलने वाली 250 से ज्यादा बसों का संचालन पूरे दिन और खबर लिखे जाने तक ठप रहा।

वसूले दो गुना दाम

दरअसल, सोमवार सुबह रेलवे बस स्टेशन पर सभी बसों का संचालन बंद रहा। जब कुछ ऑटो चालकों ने सिटी में ऑटो चलाना शुरू किया तो हड़ताल पर गए ड्राइवर्स ने उनका विरोध शुरू कर दिया। हवा का रुख भांप सभी ऑटो चालक हड़ताल पर चले गए। वहीं, बस अड्डों पर चालक बस खड़ी करके घर चले गए। यहां यात्रियों को परेशानी का का सामना करना पड़ा। कुछ लोग परिवार और सामान लेकर अपने गंतव्य के लिए निकले थे, लेकिन कुछ लोग आसपास जाने के लिए किसी तरह से चोरी चुपके दो गुना दाम देकर बस स्टेशन से कुछ दूरी पर खड़े ऑटो से गंतव्य तक जाते हुए नजर आए।

जान बचाने के लिए भागते हैं ड्राइवर

गोरखपुर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने बताया, केंद्र सरकार ना सिर्फ बस ड्राइवर्स बल्कि दो पहिया से लेकर बड़ी बसें और ट्रक तक चलाने वाले हर चालक के खिलाफ यह कानून लाई है। एक्सीडेंट के बाद चालक घायल व्यक्ति को अस्पताल या पुलिस थाने ले जाएगा। लेकिन अक्सर एक्सीडेंट के बाद भीड़ उग्र हो जाती है और चालक को अपनी जान बचाकर भागना पड़ता है। अगर वह वहां रुकेगा तो उसकी जान को खतरा है। वहीं, ड्राइवर्स का कहना है कि 10 लाख का जुर्माना कहां तक उचित है। अगर हमारे पास 10,000 होते तो 500 की नौकरी क्यों करते।

1500 कैब ड्राइवर भी स्ट्राइक में शामिल

सिटी में कई पेट्रोल पंप पर बड़ी संख्या में गाडिय़ों की कतारें देखी गईं। सुरक्षा को देखते हुए गोरखपुर सिटी ट्रांसपोर्ट की 25 बसें भी खड़ी हुई हैं। 5000 ऑटो, 2000 ई-रिक्शा और 1500 कैब भी ड्राइवरों की हड़ताल से बंद हैं। इससे रोजना सफर करने वाले लाखों लोगों को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ा।

स्ट्राइक से राजस्व का नुकसान

परिवहन निगम की बसें - 426

रोडवेज की अनुबंधित बसें - 332

परिवहन बसों से हुआ नुकसान - 30 लाख रुपए

अनुबंधित बसों से हुआ नुकसान - 70 लाख रुपए

प्राइवेट बसों से हुआ नुकसान - 21 लाख रुपए

पैसेंजर्स कोट्स

पुणे-गोरखपुर एक्सप्रेस से गोरखपुर तक पहुंच गए। पडरौना जाने के लिए जैसे ही रेलवे बस स्टेशन पर पहुंचे तो देखा कि बसों के ड्राइवर स्ट्राइक पर हैैं, बस नहीं मिलने से काफी दिक्कतें हुईं। समझ नहीं आ रहा है कि कैसे घर जाएं।

सर्वेश मिश्रा, पैसेंजर

हरियाणा के रेवाड़ी से आ रही हूं, लेकिन बस स्टेशन पर आने के बाद यहां बस नहीं मिल रही। कसया जाना है। चार घंटे से इंतजार कर रही हूं। लेकिन कहीं कुछ भी नहीं दिख रहा कि हम अपने घर जा सकें। न जाने कब तक यह स्ट्राइक खत्म होगी।

गीता देवी, पैसेंजर

मुझे पडरौना जाना है। हरियाणा से आया हूं, रेलवे स्टेशन से उतरने के बाद बस स्टेशन पहुंचा तो बस स्टेशन पर सारी बसें डिपो परिसर में खड़ी रहीं, लेकिन कोई भी बसें चलने को तैयार नहीं, बल्कि जोरदार प्रदर्शन देखकर लग गया कि यह समस्या पूरे दिन रहने वाली है।

दीपक, पैसेंजर

पंजाब से आ रहे हैैं, जियनपुर जाना है। गोरखपुर डिपो और राप्तीनगर डिपो दोनों जगह चक्कर लगा चुकी हूं, लेकिन कोई भी बस जाने को तैयार नहीं है। ड्राइवर भी बोल रहे हैैं कि स्ट्राइक है। कोई बस नहीं जाएगी।

चंद्रकला, पैसेंजर

परिवहन निगम के सभी बस ड्राइवर स्ट्राइक पर थे, इसलिए अनुबंधित बसों के ड्राइवर भी समर्थन में थे, चूंूकि, अनुबंधित बसों की संख्या ज्यादा है। इसलिए हमारी 300 से ऊपर बसों का संचालन ठप रहा। करीब 70 लाख रुपए का राजस्व नुकसान हुआ है।

विनोद पांडेय, अध्यक्ष, क्षेत्रीय यूपी रोडवेज अनुबंधित बस एसोसिएशन

300 प्राइवेट बसों का संचालन प्रतिदिन होता है। प्रत्येक बसों पर करीब 7 हजार रुपए का प्रतिदिन राजस्व के हिसाब 21 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। चूंकि सभी ड्राइवरों ने स्ट्राइक की है, इसलिए हमारी बसों का संचालन ठप है। नुकसान हमारा और सरकार ्रदोनों का हो रहा है।

विनय सिंह, सचिव, गोरखपुर प्राइवेट ऑनर्स वेलफेयर एसोसिएशन

गोरखपुर रीजन की निगम और अनुबंधित बसों से राजस्व का करीब एक करोड़ का नुकसान हुआ है। बसों के संचालन के लिए लगातार जिला प्रशासन से संपर्क किया जा रहा है। जैसे ही आदेश प्राप्त होगा। बसों का संचालन शुरू करा दिया जाएगा। यह राष्ट्रव्यापी हड़ताल है।

लव कुमार, आरएम, यूपी रोडवेज