गोरखपुर (ब्यूरो)। रूट, स्टापेज और किराया को लेकर मंथल चल रहा है। जल्द ही इसपर भी मुहर लग जाएगी। महेसरा इलेक्ट्रिक डिपो में लगभगत 2.92 करोड़ रुपए की दो टूरिस्ट इलेक्ट्रिक बसें चलने के इंतजार में खड़ी हैं।

मई 2022 में आईं बसें

गोरखपुराइट्स और पर्यटकोंं को गोरखपुर और आसपास के पर्यटक स्थलों का सैर कराने के लिए सात मई 2022 को इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े में 36 सीट वाली दो पर्यटक इलेक्ट्रिक बसें शामिल हुई थीं। इलेक्ट्रिक बस संचालन समिति ने शुरुआत में इन बसों को गोरखनाथ मंदिर, रेल म्यूजियम, रामगढ़ताल, राजकीय बौद्ध संग्रहालय, चिडिय़ाघर और एयरपोर्ट के मध्य संचालित करने की स्कीम बनाई थी। लेकिन दिसंबर तक तो बसें महेसरा डिपो से निकली ही नहीं।

खिचड़ी मेले में ट्रायल

खिचड़ी मेला के दौरान दोनों बसों का ट्रायल किया गया। ट्रायल के बाद दोनों बसें फिर महेसरा डिपो में खड़ी कर दी गई, जो खड़ी-खड़ी खराब हो गई। तकनीकी खामी की वजह से संचालन नहीं हो पा रहा था। महेसरा इलेक्ट्रिक डिपो ने कंपनी से संपर्क साधकर बसों को दुरुस्त करा लिया है। अब सिटी इलेक्ट्रिक बस संचालन समिति इन बसों को कुशीनगर, मगहर और चौरीचौरा तक चलाने की स्कीम बना रही है। सिटी के विभिन्न रूटों पर कुल 25 ई-बसें संचालित है। भविष्य में 100 ई-बस चलाने की स्कीम हैं। पर्यटकों के लिए चलने वाली ये विशेष इलेक्ट्रिक बसें 12 मीटर लंबी हैं। आम इलेक्ट्रिक बसों से ज्यादा सुविधाओं से लैस हैं।

पर्यटक इलेक्ट्रिक बसों को कुशीनगर, मगहर और चौरीचौरा तक चलाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। दूरी, यात्री, रूट, स्टापेज और किराया आदि को लेकर मंथन किया जा रहा है। पर्यटक इलेक्ट्रिक बसों से लोग गोरखपुर के आसपास वाले पर्यटक स्थलों का भी सुविधानुसार सैर कर सकेंगे।

- पीके तिवारी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, इलेक्ट्रिक बस संचालन समिति