- लाल बहादुर हत्याकांड में फरार तीन आरोपी

- कोर्ट से मिली अनुमति, कैंट पुलिस करेगी कार्रवाई

GORAKHPUR: कैंट एरिया के चर्चित लाल बहादुर हत्याकांड में फरार चल रहे अभियुक्तों की प्रापर्टी कुर्क होगी। आरोपियों पर पुलिस ने पांच-पांच हजार का इनाम घोषित किया था। शनिवार को कोर्ट से अनुमति मिलने के पुलिस ने कुर्की की प्रक्रिया शुरू कर दी है। माफिया विनोद उपाध्याय और उसके गैंग के लोगों को अरेस्ट करके पुलिस ने वारदात का खुलासा किया था।

यूनिवर्सिटी के सामने हुई थी हत्या

पिपरौली के पूर्व उप ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख, चेरिया, बेलीपार निवासी लाल बहादुर यादव की 20 मई 2104 की रात यूनिवर्सिटी गेट के सामने बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। वह अपने दो रिश्तेदारों के साथ गोलघर से खरीदारी करके लग्जरी गाड़ी से घर लौट रहा था। लाल बहादुर के परिजनों ने कुख्यात चंदन सिंह के खिलाफ केस दर्ज कराया था। एक पुलिस अधिकारी के इशारे पर कई थानेदारों ने चंदन सिंह के पुराने परिचितों को उठाकर उनसे धनउगाही की। पांच अगस्त 14 को एसएसपी आकाश कुलहरि ने मामले का खुलासा करते हुए विनोद उपाध्याय गैंग के घटना में शामिल होने की जानकारी दी। बताया कि तारामंडल में चिडि़या घर के मिट्टी पटाई के काम में लाल बहादुर रंगदारी मांग रहा था। इस वजह से विनोद के गुर्गो ने लाल बहादुर को निपटा दिया।

तलाश रही थी पुलिस

माफिया विनोद उपाध्याय, मुकेश शुक्ल, धनंजय तिवारी, अवनीश पांडेय, पंकज लोचन मिश्र, रिंकू दीक्षित, पि्रंस चंद, राम अचल यादव, अचित्य पांडेय, दीपक मिश्र, रिंकू पांडेय और सजन लाल के खिलाफ केस दर्ज हुआ। पुलिस ने रेल विहार, राप्ती नगर निवासी विनोद उपाध्याय सहित छह को गिरफ्तार कर लिया। कुछ लोग पुराने मुकदमे में सरेंडर करके जेल चले गए। लेकिन धनंजय, सजन लाल और प्रिंस चंद पर शिकंजा नहीं कस सका। तीनों के खिलाफ पांच-पांच हजार का इनाम घोषित करके पुलिस तलाश कर रही थी। गिरफ्तारी न होने से पर पुलिस ने कोर्ट में अभियुक्तों की कुर्की का आवेदन किया।

फरार अभियुक्तों की प्रापर्टी कुर्क की जाएगी। कोर्ट से इसकी अनुमति ले ली गई है। जल्द ही पुलिस प्रक्रिया पूरी करके कोर्ट को अवगत करा देगी।

श्यामलाल यादव, एसओ, कैंट