गोरखपुर (ब्यूरो)।ये तो फिर भी ठीक अब तो टीचर्स भी खुद को प्रताडि़त महसूस करने लगे हैं। आखिर इन विवादों की वजह क्या है? क्यों यहां आए दिन विवाद होने लगते हैं। वीसी प्रो। राजेश सिंह ने 5 सितंबर 2020 को कार्यभार संभाला। इनके कार्यकाल में नैक ए प्लस प्लस ग्रेड एक बड़ी उपलब्धि बनी। मगर एक के बाद एक विवाद भी होते रहे। सोमवार को निवर्तमान चीफ प्रॉक्टर प्रो। गोपाल प्रसाद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने वीसी पर अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल का भी आरोप लगाया। इसके बाद मंगलवार को पूरे दिन कैंपस में चर्चा का विषय बना रहा।
आत्मसम्मान के लिए कुछ भी करने को तैयार : प्रो। गोपाल
निवर्तमान चीफ प्रॉक्टर प्रो। गोपाल प्रसाद ने इस्तीफे के बाद वीसी प्रो। राजेश सिंह पर काफी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्री- पीएचडी स्टूडेंट्स पर फाइनल रिपोर्ट लगने के बाद इस मामले में वीसी कोर्ट में अपील दायर करने का दबाव बना रहे थे, जिस पर मैंने इंकार करते हुए त्याग पत्र दे दिया। बार-बार मेरे साथ दुव्र्यवहार किया जा रहा था। वीसी हमेशा मेरे लिए अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते थे। मेरे लिए आत्मसम्मान से बढ़कर कुछ भी नहीं है। मेरे सम्मान को ठेस पहुंचेगी तो उसके लिए किसी भी हद तक जाऊंगा। उन्होंने आरोप लगाया कि साजिश के तहत मुझे नुकसान पहुंचाने का षडयंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले श्रीप्रकाश शुक्ला ठेकेदार के भुगतान के मामले में भी मुझ पर जबरदस्ती दबाव बनाकर ठेकेदार के ऊपर एफआईआर करवाई गई। वीसी ने कहा कि 'हर हाल में ठेकेदार सुबह तक अरेस्ट हो जाना चाहिए.Ó जबकि किसी को भी अरेस्ट करने का काम पुलिस का है।
इन्होंने छोड़ दिया पद
प्रो। गोपाल प्रसाद के पद छोडऩे का यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी कई लोग यहां से अपना पद छोड़ चुके हैं। इसमें एक्स प्रॉक्टर डॉ। प्रदीप यादव, एक्स रजिस्ट्रार डॉ। ओमप्रकाश और एक्स फाइनेंस ऑफिसर हरिशंकर मिश्रा शामिल हैं। वीसी के खिलाफ मोर्चा खोलने के मामले में हिंदी डिपार्टमेंट के प्रो। कमलेश गुप्ता को भी सस्पेंड होना पड़ा। इसके अलावा ऐसे कई प्रोफेसर्स हैं, जिन्होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले अपना पद छोड़ दिया।
पद से मोह भंग
गोरखपुर यूनिवर्सिटी में एक दौर ऐसा था जब हर कोई पद लेने के लिए हमेशा आगे रहता था। मगर अब स्थिति ऐसी हो गई है कि कोई भी टीचर कोई दायित्व लेने से बच रहा है। कुछ टीचर्स ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वीसी अक्सर उखड़ कर बात करते हैं और अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करते हैं। इसीलिए वे कोई पद लेना नहीं चाहते।
डॉ। सत्यपाल बने नए प्रॉक्टर
प्रो। गोपाल प्रसाद के इस्तीफे के बाद यूनिवर्सिटी ने इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। सत्यपाल सिंह को नया प्रॉक्टर बनाया है। इसके साथ ही प्रो। गोपाल पर अपना इस्तीफावीसी को न सौंप कर सीधे मीडिया में देने के आरोप में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है और उनके खिलाफ जांच बैठाने का निर्णय लिया। उन्हें एल्युमिनाई मीट की तैयारियों के लिए आहूत बैठक में अनुपस्थित होने पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।