-बीआरडी में गहराया मरीजों के ऑपरेशन का संकट
-एचओडी के अलावा एक डॉक्टर के भरोसे ऑपरेशन
-कंसल्टेंट समेत नौ डॉक्टर्स ने दिया इस्तीफा, जूनियर डॉक्टर्स के भरोसे इलाज
GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पांच सीनियर रेजिडेंट के इस्तीफे से भर्ती मरीजों के ऑपरेशन का संकट गहरा गया है। पिछले माह एनेस्थीसिया विभाग से एक साथ चार कंसल्टेंट के इस्तीफे के बाद सभी विभागों को सप्ताह में चार ओटी लगाई जा रही थी। पांच रेजिडेंट के इस्तीफे के बाद नए शेड्यूल के तहत अब हफ्तें में हर विभाग में सिर्फ दो ओटी लग पाएगी।
एमसीआई की मान्यता पर संकट
मेडिकल कॉलेज के सूत्रों के मुताबिक पिछले माह से गड़बड़ाई व्यवस्था में हर सप्ताह करीब 17 ऑपरेशन वेटिंग लिस्ट में डाल दिए जा रहे थे। अब यह स्थिति और भी गंभीर हो जाएगी। सीनियर रेजिडेंट के इस्तीफे के बाद अब विभाग में एचओडी के अलावा दो कंसल्टेंट और जूनियर रेजिडेंट ही बचे हैं। ऐसे में ऑपरेशन में परेशानी खड़ी होगी। सूत्रों की मानें तो नए शेड्यूल में कॉलेज प्रशासन ने सभी विभागों में ओटी की संख्या कम कर दी है। इसके साथ ही एमसीआई की मान्यता को लेकर भी संकट गहराता नजर आ रहा है। एनेस्थीसिया डॉक्टर्स की जरूरत इमरजेंसी, आईसीयू समेत सभी विभागों में पड़ती है। ऐसे में अगर जल्द मेडिकल कॉलेज में नये डॉक्टर्स की तैनाती नहीं हुई तो मरीजों को बेहद दुश्वारियों का सामना करना पड़ सकता है।
तीन एनेस्थेटिक के भरोसे इलाज
चार एनेस्थेटिक के इस्तीफा देने के बाद वर्तमान में सिर्फ एचओडी एनेस्थीसिया डॉ। शहबाज अहमद, डॉ। संतोष कुमार शर्मा के अलावा एक अन्य डॉक्टर के कंधे पर बीआरडी की जिम्मेदारी आ गई है। 7 दिन लगातार चलने वाले इमरजेंसी, ट्रामा सेंटर और आईसीयू को तीन डॉक्टर्स कैसे संभाल पाएंगे। यह भी सवाल बना हुआ है। बताते चलें कि मेडिकल कॉलेज में ट्रामा सेंटर्र इमरजेंसी, आर्थो, सर्जरी, गायनी, ईएनटी, आई ओटी में ऑपरेशन की जिम्मेदारी है। यहां प्रतिदिन 20 से 25 ऑपरेशन किए जाते हैं।
हर हफ्ते 18 ऑपरेशन वेटिंग पर
डॉक्टर्स के इस्तीफा देने के चलते हर विभागों में भर्ती मरीजों के ऑपरेशन टाले जा रहे हैं। वर्तमान में 17 से 18 इलेक्टिव ऑपरेशन वेंटिंग पर चल रहे हैं। इसके चलते मरीजों को काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है।
पहले कंस्टेंट ने दिया इस्तीफा
-डॉ। नरेंद्र देव
-डॉ। प्रियंका
-डॉ। राका रानी
-डॉ। परवेज
फिर पांच सीनियार रेजीडेंट ने दिया इस्तीफा
-डॉ। शैलेंद्र
-डॉ.आशीष
-डॉ.दीपाली
-डॉ.गौरव
-डॉ। सुभाष