- रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने वाला हो बजट

- बचत सीमा और करमुक्त आय की सीमा को बढ़ाने पर विचार करे सरकार

GORAKHPUR: प्राइवेट में गवर्नमेंट सेक्टर में सुरक्षा का सबसे बड़ा अंतर है। सरकारी क्षेत्र में व्यक्ति अपनी नौकरी और अपने परिवार को सुरक्षित समझता है, जबकि प्राइवेट सेक्टर में आज भी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है। यही कारण है कि देश का युवा आज भी सरकारी नौकरी की ओर आकर्षित हो रहे हैं। फरवरी में पेश होने वाले देश के आम बजट से प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाला युवा वित्त मंत्री अरुण जेटली से यही उम्मीद लगाए हुए हैं कि उन्हें भी इस बजट में फ्यूचर सिक्योरिटी मिल सके। वहीं करमुक्त राशि की सीमा बढ़े और रोजगार के अवसर देश में पैदा करने वाला बजट हो।

इन बिंदुओं को बजट में शामिल करे

- प्राइवेट सेक्टर में फ्यूचर सिक्योरिटी

- कर मुक्त आय की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख करे दे सरकार

- रोजगार के क्षेत्र पैदा हो

- बचत सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर दो लाख कर दे सरकार

प्राइवेट सेक्टर में असुरक्षित लोगों के भविष्य की सुरक्षा के लिए बजट में प्रावधान हो, इससे प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे लोगों के उज्जवल भविष्य का निर्माण होगा। आज भी प्राइवेट सेक्टर को प्रत्येक व्यक्ति डरा सहमा रहता है कि पता नहीं कब उसकी नौकरी चली जाए।

मनोज कुमार सोनकर, प्राइवेट सर्विसमैन

अभी तक कोई भी सरकार प्राइवेट और सरकारी लोगों के लिए एक सामान व्यवहार करती रही है, लेकिन यह सरकार अगर प्राइवेट सेक्टर के लिए कुछ करते हुए केवल बचत की सीमा को बढ़ा दे। इससे प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों में बचत की इच्छा बढ़ेगी।

विक्रम बिहारी श्रीवास्तव, एमआर

प्राइवेट सेक्टर के लोगों को कर मुक्त आय की छूट सीमा बढ़ा दी जाए। इससे प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोग अपने और अपने परिवार के लिए अधिक से अधिक आय खर्च कर सकें। अभी तक जितनी छूट मिलती है, उससे सबसे अधिक नुकसान प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले लोगों को ही होता है।

रिजवान खान, एमआर

प्राइवेट सेक्टर में सरकार अपने वेतन स्ट्रक्चर को सख्ती से लागू कराए। कई ऐसे प्राइवेट सेक्टर हैं, जहां व्यक्ति से जितना काम लिया जाता है, उसे कार्य का आधा भी वेतन नहीं दिया जाता। अगर सरकार इस ओर कोई कदम बढ़ाती है तो प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों को सम्मानित वेतन मिलने लगेगा।

शैलेंद्र कुमार, प्राइवेट सर्विसमैन

प्राइवेट सेक्टर में स्थायित्व नहीं होता है, इसलिए सरकार को इनकी बचत सीमा और करमुक्त धनराशि बढ़ाने की जरूरत है। इससे वह व्यक्ति अपने परिवार को अधिक से अधिक बचत कर खुद को सुरक्षित करना चाहता है। बचत राशि बढ़ेगी तो वह अपने लिए बीमा और बचत करने के कई अन्य उपायों को भी अपनाएगा। बजट से देश के युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में और अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने की जरूरत है।

डॉ। सतीश चंद्र द्विवेदी, विशेषज्ञ