-बाल संप्रेषण गृह में मिलेगी प्रोफेशनल ट्रेनिंग

-मंगलवार को हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ

GORAKHPUR: अपराध के दलदल में फंसकर हथकड़ी पहनने वाले हाथ हुनरमंद होंगे। कम उम्र में गुनाह के चलते सलाखों के पीछे रहने वाले किशोर समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे। इन किशोरों को सही दिशा देने की मुहिम का आगाज मंगलवार को हुआ। किशोर न्याय बोर्ड गोरखपुर के प्रधान न्यायिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में एक निजी संस्था ने प्रोग्राम की शुरुआत की।

किशोरों को रोजगारपरक ट्रेनिंग

बाल संप्रेषण गृह में इस वक्त 120 किशोर हैं। उनको समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। जिला प्रशासन की ओर से किशोरों को व्यवसायिक शिक्षा की ट्रेनिंग देने की पहल की गई है। प्राइवेट संस्थान की मदद से सभी किशोरों को इलेक्ट्रिकल उपकरण चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। मंगलवार की दोपहर 15 दिनों के ट्रेनिंग की शुरुआत की गई। सुधार गृह के आंगन में प्रैक्टिकल का इंतजाम होगा। थ्योरी पढ़ने के बाद किशोर प्रैक्टिकल भी कर सकेंगे।

ट्रेंड बच्चों ने शुरू की ट्रेनिंग

लिटिल फ्लावर पॉलीटेक्निक स्कूल के ट्रेंड बच्चों ने किशोरों को कार्यक्रम की जानकारी दी। इस दौरान किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान न्यायिक मजिस्ट्रेट विमल कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी समर बहादुर, अधीक्षक कृष्ण मुरारी, बेसिक शिक्षा विभाग के अविनाश कुमार, धर्मेद्र कुमार द्विवेदी, विकास कुमार श्रीवास्तव, सोशल वर्कर सुनीता, पालीटेक्निक स्कूल के कई बच्चे मौजूद रहे।

महिला शरणालय में चल रहा कार्यक्रम

महिला शरणालय की युवतियों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है। बेतियाहाता स्थित महिला शरणालय की 50 युवतियां रोजाना ज्वेलरी मेकिंग और ब्यूटीशियन का कोर्स कर रही है। एक संस्थान की तरफ से रोजाना उनकी ट्रेनिंग कराई जाती है। इससे शरणालय में रहने वाली युवती काफी खुश हैं। उनको समय गुजारने का अच्छा बहाना मिल गया है।

बाल संप्रेषण गृह के किशोरों को ट्रेंड बनाकर उनको मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा। निजी संस्थाओं के माध्यम से इसकी पहल की गई है। किसी तरह की गड़बड़ी न हो। इसलिए कार्यक्रम की मानीटरिंग की जाएगी।

-समर बहादुर सरोज, जिला प्रोबेशन अधिकारी