गोरखपुर (अनुराग पांडेय)।हत्या, लूट, रेप, चोरी समेत अन्य अपराधों में लिप्त अपराधियों को सुधारने के लिए जेल अधिक्षक ने ये अनोखी पहल की है। जिसके बाद रेग्युलर जेल का माहौल भक्तिमय बना हुआ है।
बंदियों की डिमांड पर मंगाया ढोल मंजीरा
यही नहीं जेल अधिक्षक ने जेल का माहौल भक्तिमय बनाने के लिए बंंदियों की डिमांड पर ढोल, मंजीरा और हारमोनियम मंगाया है। डेली शाम में ढोल, मंजीरे और हारमोनियम की आवाज से जेल कैंपस गूंज उठता है। वहीं बंदियों में भी इसको लेकर अलग ही उत्साह रहता है।
इमरान के भजन पर झूमते हैं बंदी
जेल में टैलेंट की कमी नहीं है। यहां पर ऐसे बंदी जो अच्छा गाते और बजाते हैं, उनकी एक भजन मंडली बनाई गई है। भजन मंडली में इमरान, सोहन, कमलेश, प्रमोद और रामसजन का नाम शामिल है। ये डेली शाम को ढोल, मंजीरा और हारमोनियम बजाते हैं। साथ ही कमलेश और इमरान की आवाज में वो जादू है कि इनके भजन पर बंदी झूमने पर मजबूर हो जाते हैं।
स्ट्रेस घटाने के लिए पहल
जेल अधिक्षक ओम प्रकाश कटियार ने बताया कि अधिक दिन तक जेल काटने के बाद बहुत से बंदी स्टे्रस के शिकार हो जाते हैं। उनके अंदर अपराध छोड़कर कुछ अच्छा करने का उत्साह जगाने के लिए ये पहल की गई है। इसका अच्छा रिजल्ट जेल में मिल रहा है। पहले जेल में बंद अपराधियों के बीच छोटी-छोटी बात पर रार हो जाती थी। जबसे जेल में ये पहल शुरू हुई है, सभी भाई चारे के साथ मिलकर रह रहे हैं।
लाइब्रेरी में आई अच्छी किताबें
उन्होंने बताया कि जेल में लाइब्रेरी भी है। जिसमे अच्छे राइटर की किताबें हैं। उन किताबों को पढऩे से मन अच्छे ख्याल जागृत होते हैं। दिन में बंदी लाइब्रेरी में उत्सुकता के साथ किताबें भी पढ़ते हैं।
बंदियों को बनाएंगे आत्मनिर्भर
जेल अधिक्षक अभी हाल ही में लखनऊ में एक मीटिंग में गए थे। जहां से उन्हें निर्देश मिला है कि बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने वालों कार्यों पर जोर दें। जेल अधिक्षक ने बताया कि जेल में बंद बंदियों को एलईडी बनाने, टेराकोटा और पेंटिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके साथ ही बंदियों को जैविक खेती करने की ट्रेनिंग कराई जाएगी।
जेल में बंदी
महिला बंदी- 109
पुरूष बंदी- 2306
कुल बंदी- 2415
जेल छूटकर अपराधी अपराध से तौबा कर अच्छे कार्य करें इसके लिए जेल में डेली सुबह और शाम का एक शेडयूल बनाया गया है। इसमे सुबह गायत्री मंत्र और महामृत्युंजयय का जाप बंदी करते हैं। शाम को भजन, कीर्तन गाकर सो जाते हैं। इससे उनके अंदर पॉजिटिव विचार आते हैं।
ओम प्रकाश कटियार, जेल अधिक्षक