- रेल बजट में डिजिटल इंडिया पर रहा रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु का फोकस
- डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए पैसेंजर की राह हुई आसान
GORAKHPUR: रेल बजट 2016-17 की रेलगाड़ी इस बार भी डिजिटल टै्रक पर दौड़ी। पैसेंजर्स तक पहुंचने के लिए रेल मिनिस्टर ने आम लोगों तक पहुंचने के लिए सबसे मजबूत प्लेटफॉर्म के तौर पर अपनी पहचान बना चुके वर्चुअल वर्ल्ड पर ही फोकस रखा। पैसेंजर्स की प्रॉब्लम हो या फिर जरूरत, सभी को उन्होंने एक ट्रैक पर ही दौड़ाने की कोशिश की। टिकट रिजर्वेशन हो या फिर रूम बुकिंग, खान-पान हो या फिर साफ-सफाई अब सभी कुछ इंटरनेट मोबाइल की सिंगल क्लिक पर अवेलबल होगा। वहीं रनिंग ट्रेंन में भी अब पैसेंजर्स को टिकट मिल जाएगा।
ऑनलाइन पर रहा फोकस
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस बार भी ऑनलाइन मीडियम पर ही अपना फोकस रखा। जहां व्हील चेयर, रिटायरिंग रूम, वेटिंग रूम को ऑनलाइन बुक करने की फैसिलिटी प्रोवाइड की, वहीं आईआरसीटी के टर्मिनल को भी अपग्रेड कर 7200 टिकट पर मिनट निकालने के साथ ही इस पर एक लाख से ज्यादा यूजर एक्सेस के लायक बना दिया। इतना ही नहीं तत्काल टिकट भी आसानी से मिल सके, इसके लिए भी उन्होंने बजट रिलीज किया है। इतना ही नहीं हैंड हेल्ड टर्मिनल के थ्रू पैसेंजर्स को ट्रेन में ही टिकट मिल जाएगा और उन्हें ट्रेन छूटने का डर नहीं सताएगा।
टिकट कैंसिलेशन भी आसान
डिजिटल टै्रक की सीरीज में मोबाइल को भी प्रभु ने रेलवे को मजबूत करने का जरिया बनाया है। टिकट कैंसिलेशन के लिए घंटों मशक्कत करने वाले पैसेंजर्स का टिकट एक फोन पर ही कैंसिल हो जाएगा। 139 पर कॉल करने पर पैसेंजर्स के वेरिफिकेशन के लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आएगा, जिसे वेरिफाई कराने के बाद उनका टिकट कैंसिल हो जाएगा। इससे उन पैसेंजर्स को काफी राहत मिलेगी, जिनकी जर्नी लास्ट मोमेंट पर कैंसिल होती है और टिकट कैंसिल न होने से उनका हजारों रुपया बर्बाद हो जाता है।
एक 'ट्रैक' पर होगी सभी एप
अभी तक टिकट कैंसिल कराने, रिजर्वेशन, ट्रेन इनक्वायरी कराने के साथ ही अलग-अलग सुविधाओं के लिए रेलवे में कई अप्लीकेशन वर्क कर रही है। पैसेंजर्स को इन सभी अप्लीकेशन को डाउनलोड कर रखना पड़ता है। मगर इस बजट में रेलवे इन्हें एक ही ट्रैक पर मर्ज करने की तैयारी कर रहा है। इससे पैसेंजर्स को डिजिटल मोड में भी एक ही एप पर सभी तरह की फैसिलिटी मिल जाएगी। जिससे उन्हें फैसिलिटी अवेल करने में काफी आसानी होगी।
सोशल मीडिया पहले से एक्टिव
सोशल मीडिया के ट्रैक पर रेलमंत्री की गाड़ी काफी दिनों से दौड़ रही है। पैसेंजर्स की शिकायत पर कई जगह उन्हें तत्काल सॉल्युशन भी मिला है। इस बजट में इसको और बेहतर बनाने पर जोर होगा। ट्विटर और फेसबुक के जरिए सभी रेलवे ऑफिसर्स एक्टिव रहेंगे और कंप्लेन पर फौरन ही एक्शन होगा। वहीं एसएमएस के थ्रू पैसेंजर्स साफ-सफाई और अपनी शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं। ट्विटर पर ऑफिसर्स के अकाउंट भी पब्लिक कर दिए गए हैं, जिनपर कोई भी कंप्लेन कर सकता है।