- एमडी ने उपखंडों को दिया बिजली के रिकॉर्ड तैयार करने का आदेश

- कितने रुपए की बिजली मिली और कितनी हुई राजस्व वसूली तैयार करें रिपोर्ट

GORAKHPUR: बिजली विभाग के अफसरों को अब बिलिंग, मीटर और सप्लाई के साथ ही एक नई जिम्मेदारी सौंप दी गई है। एमडी के आदेश पर अब उन्हें बिजली सप्लाई और उसके मूल्य के रिकॉर्ड का लेखा-जोखा भी रखना होगा। दो दिन पहले उपखंडों पर मिले लेटर में यह निर्देश दिया गया है कि उन्हें कितने रुपए की बिजली मिली और उसमें से कितने रुपए की बिजली सप्लाई की और साथ ही एक माह में उन्हें कितना राजस्व प्राप्त हुआ, इन सबका रिकॉर्ड मेनटेन करें। इसका डाटा तैयार कर एमडी ऑफिस को भेंजे।

लाइन लॉस वाले एरिया में चलाएं अभियान

एमडी एके सिंह ने आदेश दिया कि शहर के जिस फीडर पर सबसे अधिक लाइन लॉस हो रहा है, उस फीडर पर अभियान चलाएं। बिजली चोरी पकड़े जाने पर उस कंज्यूमर्स पर तत्काल संबंधित एरिया के थाने में तहरीर दें और उस तहरीर की एक काफी एसएसपी, एसपी और डीएम को भी भेजें। इसके अलावा आदेश में यह भी लिखा है कि दो माह पहले जिस एरिया में बकाया अधिक होने पर कनेक्शन काट दिया गया है, उसके बाद भी उन कंज्यूमर्स के घर बिजली जल रही है तो ऐसे कंज्यूमर्स पर बिजली चोरी के अधिनियम 138(बी) के तहत मुकदमा दर्ज कराएं और उन कंज्यूमर्स का पूरा रिकॉर्ड पुलिस और जिला प्रशासन को देने के साथ ही विभाग की वेबसाइट पर ऑन लाइन कर दें।

एसई की भी जिम्मेदारी बढ़ी

नए आदेश में एसई की भी जिम्मेदारी बढ़ गई है। एमडी के आदेशानुसार अब रिवाइज बिल की जांच की जिम्मेदारी एसई को सौंप दी गई है। जबकि अभी तक एसई का कार्य अपने एरिया में विकास कार्य और बिजली सप्लाई को देखने का था। एसई को जिम्मेदारी मिलने से पब्लिक को थोड़ा परेशानी फेस करनी पड़ेगी। बिल जब सही हो जाएगा तो उसके बाद रिवाइज बिल बनेगा, जो वेरिफिकेशन के लिए एसई ऑफिस आएगा। ऐसे में कंज्यूमर्स के बिल को सही करने में थोड़ा समय लग सकता है।

एमडी का आदेश आया है। इस आदेश को सभी उपखंडों को भेज दिया गया है, वहां रिकॉर्ड भी तैयार होना शुरू हो गया है। इस आदेश से बिल वसूली में बहुत आसानी हो जाएगी।

डीके सिंह, चीफ इंजीनियर गोरखपुर जोन