- कॉलोनी में बिजली सप्लाई की होगी नाप

- 100 से अधिक ट्रांसफॉर्मर्स पर लग चुका है मीटर

GORAKHPUR: गोरखपुर शहर में बिजली चोरी करने वालों की अब खैर नहीं है। अब ट्रांसफॉर्मर पर बिजली सप्लाई का हिसाब रखने के लिए बिजली विभाग उसपर मीटर लगाने की तैयारी में है। इसके थ्रू वह मोहल्लों में लगे ट्रांसफॉर्मर पर पैनी नजर रखेगा, जिससे बिजली चोरी पर लगाम लग सकेगी और बिजली चोरों की धर-पकड़ आसानी से होगी। बिजली विभाग अब तक 100 से अधिक ट्रांसफॉर्मर्स पर मीटर लगा चुका है।

ऐसे पकड़ी जाएगी चोरी

जिस ट्रांसफार्मर पर यह मीटर लगा होगा। ट्रांसफॉर्मर पर लगे मीटर से सप्लाई बिजली की यूनिट नापेगा और उसके बाद उस ट्रांसफॉर्मर से जुड़े कंज्यूमर्स के घर जनरेट हुए बिल से जेई मिलान करेंगे। अगर दोनों के रीडिंग में अंतर पाया जाता है तो बिजली विभाग सबसे पहले उस एरिया के तारों की जांच करेगा। जांच में यह देखेगा कि कहीं शॉर्ट सर्किट के कारण लाइन लॉस तो नहीं हो रहा है। उसके बाद उस ट्रांसफॉर्मर से जुड़े कंज्यूमर्स के यहां बिजली विभाग द्वारा एक-एक घर जाकर जांच की जाएगी। इस जांच में पकड़ने जाने पर कंज्यूमर्स पर तत्काल एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। सम्मन शुल्क नहीं वसूला जाएगा।

एक्स्ट्रा मिलेगी बिजली

महानगर विद्युत वितरण निगम के एसई आरआर सिंह का कहना है कि शहर में लगभग 29 प्रतिशत लाइन लॉस है। इसमें 15 से 20 प्रतिशत लाइन लॉस तकनीकी कारणों से होता है, जबकि 10 प्रतिशत लाइन लॉस बिजली चोरी के रूप में होता है। शहर में 1500 ट्रांसफॉर्मर लगे हुए हैं, अगर उन पर मीटर लगा दिए जाए तो शहर को डेली 10 प्रतिशत बिजली एक्स्ट्रा मिलने लगेगी। जब मीटर लगाकर उसके यूनिट के हिसाब से चेकिंग होगी, तो बिजली चोरी और विभाग की होने वाला लाइन लॉस अपने आप रुक जाएगा। एक्सईएन गोलघर एके श्रीवास्तव का कहना है कि ट्रांसफॉर्मर पर लगे मीटर का रीडिंग डिटेल निकाला जाएगा। लाइनलॉस फॉल्ट के समय अधिक होता है। इससे अंदाजा लग जाएगा कि फॉल्ट किसी समय से अधिक हो रहा है। जिस पर काम करके लाइन लॉस बचाया जा सकता है।

ट्रांसफॉर्मर पर जो मीटर लग रहा है, वह बिजली चोरी और लाइन लॉस रोकने में बहुत सहायक सिद्ध होगा। ट्रांसफॉर्मर पर मीटर लगाने का काम लगातार चल रहा है। स्काडा के तहत लगाए जा रहे यह मीटर लाइन लास को काफी हद तक समाप्त कर देंगे।

आरआर सिंह, एसई, महानगर विद्युत वितरण निगम