- मंडी प्रशासन ने बेच दिया 15 टन आलू

- मथुरा, आगरा की मंडी से भेजी गई थी खाद्य सामाग्री

GORAKHPUR : भूकंप पीडि़तों के लिए भेजी गई राहत सामग्री को गोरखपुर मंडी प्रशासन ने बेच दिया। मामला खुला तो हड़कंप मच गया। आगरा मंडी से राहत सामग्री लेकर तीन ट्रक गोरखपुर के लिए रवाना हुए। दो ट्रकों में ख्क् टन आलू व तीसरे में अन्य खाद्य सामग्री लदी थी। इसके अलावा मथुरा से भी एक ट्रक राहत सामग्री आई। ये सारी सामग्री नेपाल में भूकंप पीडि़तों की मदद के लिए भेजी जानी थी, लेकिन मंडी सचिव ने ट्रक संख्या आरजे 0भ् जे फ्ख्ख्0 पर लदा क्भ् टन आलू एक व्यापारी को बेच दिया। जब इस मुद्दे पर उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि आगरा मंडी प्रशासन के पास ट्रक को नेपाल भेजने का भाड़ा नहीं था, इसलिए आलू बेचा गया। हालांकि सचिव ने किसी अधिकारी से पूछे बिना ही राहत सामग्री का आलू बेच दिया जिसको लेकर बवाल मच गया है। जानकारी पाकर पहुंचे सीडीओ कुमार प्रशांत के हस्तक्षेप के बाद मंडी प्रशासन ने आलू को वापस करवाया।

बिना किसी से पूछे बेच दिया आलू

मंडी सचिव सुभाष यादव से जब राहत सामग्री बेचने को लेकर सवाल जवाब किए गए तो उन्होंने क्या कहा, पढि़ए जरा।

सवाल- आलू कहां से भेजा गया था?

जवाब- आगरा मंडी समिति की तरफ से।

सवाल- कहां जाना था?

जवाब- नेपाल में भूकंप पीडि़तों के लिए आलू भेजा जाना था।

सवाल- फिर मंडी में आलू क्यों बेच रहे हैं?

जवाब- राहत सामग्री नेपाल भेजने के लिए किराया नहीं था, इसलिए एक ट्रक आलू बेचकर किराया जुटाया जा रहा है।

सवाल- क्या जिम्मेदार अधिकारियों से इस बारे में बात हुई?

जवाब- नहीं, इसे लेकर किसी अफसर से बात नहीं हुई।

सवाल- आपसे आलू बेचने के लिए किसने कहा?

जवाब- आगरा मंडी सचिव से बात हुई थी, उन्होंने आलू बेच कर राहत सामग्री भेजने के लिए कहा था।

राहत या राहत के नाम पर मजाक?

नेपाल और भारत के कई हिस्सों में आए भूकंप से तबाही मची है। ऐसे में राहत पहुंचाने को पूरा देश एकजुट हो गया। सभी जगहों से राहत सामग्री गोरखपुर पहुंच रही है, यहां से ये सामग्री नेपाल भेजी जा रही है। गोरखपुर मंडी प्रशासन की इस कारगुजारी ने राहत कार्यो में बनी अच्छी छवि मटियामेट कर दी है। भूकंप पीडि़तों के लिए एक ओर जहां पूरा प्रशासनिक अमला मुस्तैदी के साथ लगा हुआ है, वहीं मंडी प्रशासन की इस संवेदनहीनता ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। डीएम साहब एक बार जरा इस पर भी नजर डाल लेते तो खेल समझ में आ जाता।

आगरा से तीन ट्रक राहत सामाग्री आई है, लेकिन नेपाल तक भेजने के लिए भाड़ा नहीं था। आगरा मंडी सचिव ने भी भाड़ा नहीं भेजा। कच्चा माल खराब हो जाता इसलिए एक ट्रक आलू को बेचकर भाड़े की व्यवस्था की गई है।

सुभाष यादव, सचिव, महेवा मंडी

मामले की मौखिक जानकारी आगरा मंडी समिति के अफसरों को दे दी गई है। अफसरों से भाड़ा भेजने के लिए कहा गया है। गोरखपुर मंडी सचिव को बिका आलू तत्काल वापस करने के आदेश दिए गए हैं। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी।

एमसी गंगवार, उप निदेशक, विपणन प्रशासन, मंडी परिषद गोरखुपर

आगरा मंडी समिति के पास राहत सामग्री को नेपाल भेजने का भाड़ा नहीं था। जो कर्मचारी ट्रक लेकर आए, उन्होंने ही आलू का सौदा तय करके व्यापारी के हाथ बेच दिया। आलू वापस करा लिया गया है।

सतीश पाल, सिटी मजिस्ट्रेट