GORAKHPUR: मिलावट का खेल न सिर्फ किसानों का वर्तमान बल्कि भविष्य भी बर्बाद कर रहा है। गोरखपुर के बार्डर एरिया में मिलावट का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। इन एरिया में केले की खेती बड़े स्तर पर की जाती है। केले की खेती में पोटाश का छिड़काव बहुत जरूरी होता है। इसके बिना उत्पादन कम होता है। अधिक डिमांड को लेकर इन एरिया में पोटाश का डुप्लीकेट तेजी से बिक रहा है। क्योंकि पोटाश का डुप्लीकेट लोगों को कई गुना अधिक फायदा दे रहा है। असली पोटाश जहां क्म् रुपए प्रति केजी मिलता है, वहीं डुप्लीकेट पोटाश बनाने में भ् रुपए प्रति केजी की लागत आती है।

डुप्लीकेट पोटाश फसल नहीं खेत भी कर देगा बर्बाद

गोरखपुर के रूरल एरिया में चल रहे डुप्लीकेट पोटाश किसानों को पूरी तरह बर्बाद कर रहा है। इस पोटाश के छिड़काव से फसल का उत्पादन बढ़ने के बजाए खराब हो जाएगा। साथ ही खेत की उवर्रकता भी कम हो जाएगी। क्योंकि डुप्लीकेट पोटाश सिर्फ नमक में गेरू मिलाकर किया जाता है। नमक खेत के लिए काफी नुकसानदायक होता है। जिला कृषि अधिकारी मृत्युंजय कुमार सिंह ने बताया कि किसानों को असली पोटाश की पहचान हाथ में रगड़ कर करना चाहिए। क्योंकि नकली पोटाश हाथ में लाल रंग छोड़ देता है। संडे को जिला कृषि अधिकारी ने ऐसे ही एक नकली पोटाश को पकड़ा था।