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- प्रदूषण विभाग ने पूरे साल में नहीं की कोई कार्रवाई
- विभागों से लेकर तहसील दिवस में आने वाली कंप्लेन में कुछ की ही जांच
- यूपी प्रदूषण बोर्ड, गोरखपुर मंडल में चार पोस्ट लेकिन एक ही जेई तैनात
GORAKHPUR: शहर में बढ़ता पॉल्यूशन आपके लिए भले ही चिंता का सबब हो लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बड़े आराम से है। गोरखपुर मंडल के चार जिलों का जिम्मा संभालने वाले स्थानीय स्तर पर संचालित बोर्ड ऑफिस की स्थिति यह है कि यहां जेई के चार पद हैं लेकिन केवल एक ही जेई तैनात है। अब मात्र एक जेई के भरोसे इतने सारे काम है। हालत यह है कि साल बीतने को है और तमाम कंप्लेन पड़े हुए हैं। जिलों के अलग-अलग विभागों से कुल 240 कंप्लेंस मिलीं जिनमें सिर्फ 60 मामलों में ही जांच पूरी हुई। इनके अलावा तहसील दिवस में आने वाले कंप्लेन पर भी जांच नहीं हो पाई है।
नहीं मिलती हैं गाडि़यां
झारखंडी स्थान पर संचालित यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड विभाग से चार जिले गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर के मामले देखे जाते हैं। इन जिलों में हजारों मामले अटके पड़े हैं। बताते हैं कि विभाग के पास सिर्फ एक बोलेरो है। यह भी एक माह में 15 दिन प्रशासनिक कार्य में लगा दी जाती है। इसके नाते 15 दिन तक अफसर पैदल हो जाते हैं और वे कहीं आने-जाने की स्थिति में नहीं होते। इसी तरह धीरे-धीरे पूरा साल बीत गया और विभाग पर मामलों का बोझ बढ़ता चला गया।
नवंबर माह का आंकड़ा
जिला शिकायत निस्तारण
गोरखपुर 04 02
महराजगंज 01 00
कुशीनगर 03 02
देवरिया 0 0
वर्जन
तहसील दिवस के साथ मुख्यालय और जिले से अधिकतर शिकायतें आती हैं। जिनका टाइम बाउंड होता है। गाड़ी नहीं मिलने की वजह से जांच समय पर नहीं हो पाती है। वहीं कर्मचारियों की भी भारी कमी है। इसके लिए मुख्यालय को पत्र लिखा गया है।
- एसपी सिंह, रिजनल ऑफिसर, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड