- तालाबंदी को लेकर आपस में भिड़े कर्मचारी नेता

- थर्सडे को जन सूचना कार्यालय पर पार्षदों ने की थी तालाबंदी, फ्राइडे को कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : नगर निगम में पार्षद और कर्मचारी एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। थर्सडे को पार्षदों द्वारा जन सूचना कार्यालय में तालांबदी के विरोध में फ्राइडे को कर्मचारियों ने नगर निगम में तालाबंदी कर दी। कर्मचारियों का आरोप था कि पार्षद आए दिन कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करते रहते हैं। कई बार तो कर्मचारियों को पार्षद कक्ष में बुलाकर मारपीट की जाती है। कर्मचारी अड़ गए कि जब तक पार्षद माफी नहीं मांगते, वे विरोध प्रदर्शन नहीं बंद करेंगे। कर्मचारियों की तालाबंदी की जानकारी होते ही मौके पर पहुंचे नगर आयुक्त ने पार्षदों समझाया, लेकिन बात नहीं बनी। पूरे दिन नगर निगम में ताला बंद रहा।

रात भर खुला रहा ताला

थर्सडे दोपहर भाजपा के कुछ पार्षदों ने नगर निगम के जनसूचना कार्यालय पर ताला जड़ दिया। इन पार्षदों का आरोप था कि उन्हें जन सूचना विभाग से कोई जानकारी नहीं दी जाती है। शाम को जब मेयर नगर निगम पहुंची और उन्हें इस मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने कर्मचारी नेता आरिफ सिद्दीकी को ताला खुलवाले की जिम्मेदारी दी। शाम 5 बजे के लगभग ताला खोला गया और उसके बाद आफिस की ओर से कोई ताला बंद नहीं हुआ। सुबह जब कर्मचारी आए और ताला खुला देखा तो इसकी जानकारी अन्य कर्मचारियों को हुई। देखते-देखते ही मामला गरमा गया। सुबह 11.45 बजे सभी कर्मचारी एकत्रित हुए और पार्षदों के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। नारेबाजी चल ही रही थी कि दूसरे कर्मचारी नेता रामप्रकाश सिंह पहुंचे और 'मेयर की दलाली करने वाले कर्मचारी नेता नहीं हो सकते' का नारा लगाने लगे। इस पर आरिफ सिद्दीकी तमतमा गए और दोनों में खूब तू-तू मैं-मैं हुई।

आरोप-प्रत्यारोप का भी चला दौर

नगर निगम में तालाबंदी के विरोध में अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश शुरू हो गई है। थर्सडे को मेयर के हस्तक्षेप के बाद आरिफ सिद्दीकी ने ताला तो खुलवा दिया, लेकिन इसे लेकर फ्राइडे को कर्मचारी प्रदर्शन करने लगे। आरिफ और रामप्रकाश के बीच गर्मागर्म?बहस हुई। आरिफ का कहना था कि मेयर नगर निगम की सबसे बड़ी अधिकारी हैं, ऐसे में उनकी बात का सम्मान करना था। वहीं राम प्रकाश सिंह ने आरोप लगाया कि आरिफ सिद्दीकी मेयर की दलाली करते हैं, इसलिए उनको यहां से चला जाना चाहिए। किसी तरह अन्य कर्मचारियों ने दोनों का शांत कराया और उसके बाद सभी कर्मचारी एकत्रित होकर लक्ष्मीबाई पार्क में जाकर प्रदर्शन करने लगे।

तालाबंदी से फंस गए काम

- जन्म-मृत्यु प्रमाण

- नामांतरण प्रकिया

- हाउस टैक्स डिपाजिट

- टेंडर प्रकिया

- जन समस्याओं की सुनवाई

- नकल प्राप्त करना

- विवाद की सुनवाई

पार्षदों के व्यवहार से कर्मचारियों में नाराजगी है। कर्मचारियों से एक राउंड बात की गई, लेकिन कुछ बात नहीं बनी। कर्मचारियों को समझाने की जिम्मेदारी लेखाधिकारी को दी गई है। संभावना है कि जल्द ही कोई हल निकल जाएगा।

राजेश कुमार त्यागी, नगर आयुक्त