- मेडिकल कॉलेज में एडमिट पुअर फैमिली की कर रहे मदद
- पैर का ऑपरेशन, कर्ज चुकाने के लिए जुटाए हजारों रुपए
- बेसहारों की हेल्प के लिए तुरंत तैयार हो जा रही है पुलिस की टीम
GORAKHPUR: 'जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों' यह गीत सभी ने सुना होगा। किसी बेसहारे की मदद के लिए खुदा खुद तो नहीं आते, लेकिन वह किसी न किसी को माध्यम बनाकर भेज देते हैं। कुछ ऐसा ही अपने जिले में भी हो रहा है। फर्क बस इतना है कि जिस वर्दी की आए दिन हेल्प न करने की शिकायत होती है। वही वर्दी मददगार बनकर अंजान लोगों से रिश्तेदारी निभा रही है। पुलिस के इस काम की सराहना पुलिस अधिकारी भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस कर्मचारियों के ऐसे कामों को प्रोत्साहित किया जाएगा। ताकि आमजन की तकलीफों को दूर किया जा सके।
पहले दिया ब्लड, अब कर रहे उपचार में मदद
चौरीचौरा एरिया के सरदारनगर देवीपुर की रहने वाली पत्ती देवी और उनके पति प्रहलाद जायसवाल काफी गरीब हैं। तरकुलहा के पास वह टेंट डालकर अपने पोते संग रहती हैं। उनके पास कोई भूमि और मकान भी नहीं है। पत्ती देवी का बेटा और बहू भी उन लोगों से कोई मतलब नहीं रखते हैं। ट्रक से एक्सीडेंट में उनके पति पैर टूट गया था। 24 जून को वह घायल उपचार कराने के लिए वह बीआरडी मेडिकल कॉलेज में गई। वहां डॉक्टरों ने पैर का आपरेशन कर दिया। तब ब्लड की जरूरत पड़ी तो पुलिस कर्मचारी शिवाबुंज पटेल ने हाथ बढ़ाया। अपने कांस्टेबल की टीम से तीन यूनिट ब्लड भी उपलब्ध कराया। इस दौरान पता लगा कि मेहनत-मजदूरी करके महिला ने भी रुपया इकट्ठा किया था। वह सब पति के उपचार में खत्म हो गया। पति के इलाज के लिए उन्होंने ब्याज पर भी रुपए भी उधार ले लिए। उधार चुकाने और पति का उपचार कराने के लिए महिला को 30 हजार रुपए की जरूरत है। इसकी सूचना पुलिस मित्र को दी गई। तभी से लोग महिला की मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं।
24 घंटे में जुटाए 20 हजार रुपए
महिला के पति का उपचार कराने और कर्ज से उबारने के लिए पुलिस कर्मचारी जहां खुद मदद कर रहे। वहीं अपने परिचितों से भी कुछ पैसे दिला रहे हैं। 24 घंटे के भीतर पुलिस कर्मचारियों ने करीब 20 हजार रुपए जुटा लिए हैं। महिला से बातचीत करने पर सामने आया कि एक पुलिस कर्मचारी पहुंचे थे। उन्होंने उनकी पीड़ा को समझने के बाद पहले ब्लड उपलब्ध कराया। फिर आर्थिक सहयोग भी किया। महिला ने कहा कि जहां उनके अपने साथ नहीं दे रहे। वहीं वर्दी वाले उनके लिए भगवान बन गए हैं।
मेरे बेटे को नशे की लत है। वह बहू संग अलग रहता है। वह कहता है कि पैसा नहीं है। इसलिए उपचार नहीं करा पाउंगा। हम लोग किसी तरह से इलाज करा रहे हैं। एक दरोगा जी आए थे। वह साहब हमारे लिए भगवान हो गए। पुलिस इस तरह से मेरी मदद करेगी। यह मैंने कभी नहीं सोचा था।
पत्ती देवी, पीडि़त
अच्छे कार्य करने वाले पुलिस कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। हमारी पुलिस टीम 24 घंटे लोगों की मदद के लिए तत्पर है। कोरोना संक्रमण काल में जहां लोग ब्लड डोनेट करने से कतराते थे। वहां कांस्टेबल ने तमाम लोगों की मदद की।
- दिनेश कुमार पी, एसएसपी