- आरपीएफ जवान का बेटा निकला असलहा तस्कर
- चंदन सिंह सहित कई नामचीन बदमाशों को बेच चुके हैं असलहे
GORAKHPUR: दियारा में एके ब्7 की सप्लाई करने वालों की तलाश में पुलिस को कामयाबी मिली। एसटीएफ ने बनारस में तैनात आरपीएफ दारोगा के बेटे और उसके साथी को अरेस्ट किया है। उनके पास से आठ राउंड की रिवाल्वर देखकर एसटीएफ भी चौंक गई। दोनों युवकों को आर्म्स एक्ट में चालान करके पुलिस ने जेल भेज दिया। आरोप है कि दोनों चंदन सिंह गैंग सहित कई बदमाशों को एक साल से आर्म्स सप्लाई कर रहे थे।
छात्रसंघ चौराहे पर इंतजार कर रही थी एसटीएफ
मुंगेर से दियारा में असलहा लेकर जाने की सूचना एसटीएफ को मिली। किसी ने बताया कि कुछ लोग एके ब्7 लेकर आने वाले हैं। सीओ विकास त्रिपाठी, एसआई सत्य प्रकाश, कांस्टेबल अनूप राय, भानु प्रताप सहित पूरी टीम रेकी में लग गई। फ्राइडे नाइट छात्रसंघ चौराहे पर दो युवकों को पुलिस ने रोक लिया। पल्सर सवार युवकों के पास से पुलिस को मेड इन यूएसए की तीन पिस्टल, आठ राउंड की एक रिवाल्वर, बाइक, सोने की चेन, अंगूठी, तीन मोबाइल फोन, चार मैगजीन बरामद हुआ। पुलिस की पूछताछ में दोनों की पहचान बांसगांव एरिया के बेदौली बाबू निवासी अजय सिंह उर्फ अज्जू और मंझरिया निवासी धर्मवीर के रूप में हुई।
क्0 हजार में खरीदकर फ्0 हजार में बेचते थे असलहे
पकड़े गए युवकों ने पुलिस को बताया कि वह लोग उरुवा के अयूब को असलहा देने जा रहे थे। दो माह के भीतर एक बड़े काम के लिए उनसे असलहे मंगाए गए थे। मुंगेर से क्0 हजार में खरीदी गई पिस्टल और रिवाल्वर को वह कम से कम फ्0 हजार में बेचते हैं। करीब एक साल से दोनों इस कारोबार को कर रहे थे। चंदन सिंह, अमरजीत यादव, विजय सहित कई बदमाशों के गैंग में असलहे दे चुके हैं। डिमांड के अनुसार दोनों असलहे लेकर आते थे। उनके पास से आठ राउंड की रिवाल्वर मिली। यह बहुत ही कम पाई जाती है।
मॉल, रेस्टोरेंट में करते थे लेनदेन
युवकों ने पुलिस को बताया कि किसी को उनका सही नाम पता नहीं मालूम था। ऑन डिमांड असहले लाने के बाद वह पार्क, रेस्टारेंट, मॉल, बीयर बार कहीं भी पहुंचकर सप्लाई दे देते थे। अजय को ज्वेलरी पहनने का शौक है। असलहों की बिक्री से मिले रुपयों से वह चेन, अंगूठी भी खरीदता था। मौज मस्ती के साथ बदमाशों से जुड़े रहने का शौक उनको इस धंधे में ले आया। अजय के गले में सोने की चेन, अंगूठी बरामद हुई है।
अच्छी फैमिली होने के बाद भी बहक गए कदम
उरुवा एरिया में मुठभेड़ के दौरान विजय को पुलिस ने मार गिराया। उसके कुछ साथियों को पुलिस ने पकड़ लिया। पूछताछ में पता लगा कि बांसगांव के दो युवक असलहों की खेप लेकर दियारा में सप्लाई दे रहे थे। सही नाम पते के अभाव में पुलिस तत्काल कुछ नहीं कर सकी। बाद में पुलिस ने रेकी की तो वाराणसी में तैनात आरपीएफ के एसआई का बेटा अजय और उसका दोस्त पकड़ा गया। बीए सेकेंड इयर के अजय का बड़ा भाई भी आरपीएफ में है जबकि तीसरे नंबर का भाई मुंबई में फैक्ट्री चलाता है। धर्मवीर के पिता पुलिस में कांस्टेबल थे। वह एमए फर्स्ट इयर का स्टूडेंट है। एसटीएफ ने बताया कि इसके पहले भी अजय चोरी के मामले में जेल जा चुका है। उसके खिलाफ बेलीपार और गोरखनाथ में चोरी, चोरी की बाइक के साथ पकड़े जाने का मामला दर्ज है।
पकड़े गए दोनों युवक असलहा तस्करी कर रहे थे। दोनों ऑन डिमांड मुंगेर से असलहा लाकर गैंग्स को सप्लाई करते थे। सूचना मिलने पर पुलिस ने उनको दबोच लिया। उनसे जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।
विकास चंद त्रिपाठी, सीओ एसटीएफ गोरखपुर यूनिट