- भून कर खा गए कलेजा, नहीं पकड़ पाई पुलिस

- खजनी एरिया के ईट भट्ठे पर हुई थी बर्बर घटना

GORAKHPUR: खजनी एरिया में ईट भट्ठे पर कलेजा खाने वाले नक्सलियों को पुलिस अरेस्ट नहीं कर सकी। पुलिस की टीम बैरंग लौटने के बाद शांत हो गई। इस मामले में कार्रवाई के बाद फाइल लगभग बंद होने के कगार पर पहुंच गई है। एसपी ग्रामीण का कहना है कि नक्सली बेल्ट में छिपे दंपति की तलाश में मुश्किल आ रही है। उनके गोरखपुर आने का इंतजार किया जा रहा है।

खेत में मिली थी डेड बॉडी

खजनी एरिया के बोगा स्थित ईट भट्ठे पर चिलुआताल के सोनबरसा का पप्पू काम करता था। छह अगस्त की सुबह उसकी डेड बॉडी मिली। हाथ पैर बांधने के बाद उसको खेत में फेंका गया था। पुलिस ने जांच शुरू की तो घिनौना अपराध सामने आया। पता लगा कि ईट भट्ठे पर मजदूरी करने वाले दंपति उसका कलेजा भूनकर खा गए। झारखंड के गुमला डिस्ट्रिक्ट स्थित जोराल निवासी जनक लोहार, उसकी पत्‍‌नी राधा, पवन और सोनू को जुआ खेलने की आदत थी। पांच अगस्त की रात पप्पू भी उनके पास बैठा था। अचानक विवाद होने पर दंपति ने पप्पू को मार डाला। पप्पू अक्सर जनक की पत्‍‌नी राधा को कलेजा कहकर चिढ़ाता था। इस खुन्नस में मर्डर के बाद पेट फाड़कर उसका कलेजा निकाल लिया।

दो बार लौटे खाली हाथ

ईट भट्ठा मजदूर पवन ने पुलिस को मर्डर की पूरी कहानी बताई। उसने बयान दिया कि जनक, उसकी पत्‍‌नी राधा आदिवासी है। पवन ने पप्पू का पैर बांधा जबकि राधा ने हाथ पकड़ा। जनक ने पप्पू का गला दबाकर मारा फिर उसको खेत में ले गए। हंसिए से पेट फाड़कर कलेजा निकाल लिया। आरोपी दंपति की तलाश में सीओ खजनी के नेतृत्व में टीम बनाई गई। पुलिस का कहना है कि दो बार पुलिस टीम झारखंड गई। आरोपियों के नक्सल प्रभावित इलाकों में छिपे होने से उनको अरेस्ट नहीं किया जा सका। तीसरी बार पुलिस टीम को वहां भेजा नहीं जा सका।

आरोपी दंपति के नक्सली बेल्ट में छिपे होने से प्राब्लम आई। बावजूद इसके कोशिश की जाएगी कि दोनों को अरेस्ट किया जा सके।

ब्रजेश सिंह, एसपी ग्रामीण