-संजय यादव मर्डर का पुलिस ने किया परदाफाश

-शातिर बदमाशों ने रची थी वारदात की साजिश

GORAKHPUR: खोराबार एरिया के कजाकपुर निवासी प्रापर्टी डीलर सह सपा नेता संजय यादव की हत्या सुनोयोजित थी। लाल बहादुर यादव के मर्डर में मुखबिरी करने के शक में बदमाशों ने उसे बुलाया। चेरिया गांव के पास पंचायत भवन में ले जाकर उसका गला कस दिया। मौत न होने पर गोली मारकर खेत में उसकी लाश दफना दी। मंगलवार को संजय हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए एसएसपी रामलाल वर्मा ने बताया कि लाल बहादुर के भाई दान बहादुर, मोहित यादव और रंजन यादव को अरेस्ट किया गया है। घटना में शामिल अजय यादव उर्फ गुड्डू यादव, सुभाष शर्मा सहित अन्य की तलाश की जा रही है। एसएसपी ने कहा कि मर्डर में दान बहादुर के भाई विजय यादव से पूछताछ की गई है। उनकी भूमिका की जांच कराई जा रही है।

सुभाष शर्मा ने लिया था चार लाख रुपए

24 अक्टूबर को घर से कचहरी जा रहे संजय यादव अचानक लापता हो गए। परिजनों ने शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस हीला-हवाली में लगी रही। संजय की पत्‍‌नी ने बच्चों संग 27 मार्च को गोरखनाथ मंदिर के सामने आत्मदाह की धमकी दी। हरकत में आई पुलिस ने लाल बहादुर के भाइयों को उठाया। पूछताछ में मर्डर का राज सामने आया। सोमवार शाम चेरिया गांव के पास दानबहादुर के खेत से संजय की बाडी बरामद हुई। दान बहादुर ने पुलिस को बताया कि उसने अपने गांव के अजय यादव उर्फ गुड्डू यादव, परिचित बेलघाट के मीरपुर निवासी मोहित यादव, गोपालगंज के एकडंगा निवासी रंजन यादव, खजनी एरिया के बसडीला निवासी सुभाष शर्मा और अन्य के साथ मिलकर संजय की हत्या कर दी। सुभाष शर्मा ने दान बहादुर को बताया था कि लाल बहादुर की हत्या संजय की मुखबिरी से हुई थी। लाल बहादुर मर्डर के मुख्य आरोपी विनोद उपाध्याय से संजय के करीबी संबंध थे। यह भी सामने आया कि प्रापर्टी के कारोबार में सुभाष शर्मा ने संजय से चार लाख रुपए कर्ज लिया था। संजय के मर्डर में शामिल होकर सुभाष शर्मा ने एक तीर से दो निशाना साधा। लाल बहादुर के भाई दान बहादुर का भरोसा कमाया। साथ ही संजय की चार लाख की देनदारी से बच गया।

मर्डर के बाद इलाहाबाद गया सुभाष

संजय यादव के घर अक्सर सुभाष शर्मा का आना जाना था। 24 अक्टूबर को संजय के अचानक लापता होने पर परिजन उसकी तलाश में लगे रहे। इस दौरान पता चला कि संजय को महावीर छपरा की ओर जाते देखा गया था। वहां एक ढाबे पर उसकी फोर व्हीलर खड़ी करउसे बाइक से चेरिया में ले जाया गया था। इस बात की सूचना परिजनों ने पुलिस को दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। एक सपा नेता के दबाव में पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। रुस्तमपुर में रहने वाले संजय के एक परिचित की दीदी इलाहाबाद में रहती हैं। मर्डर के दूसरे दिन सुभाष इलाहाबाद पहुंचा। संजय के मुसीबत में होने की बात बताकर महिला से 50 हजार रुपए मांगकर फरार हो गया। संजय के परिजनों को जानकारी मिली तो वह लोग सुभाष की फोटो लेकर इलाहाबाद गए। वहां महिला ने 50 हजार रुपए ले जाने वाले की फोटो पहचान ली। इलाहाबाद से लौटकर संजय के परिजनों ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की। सुभाष शर्मा की फोटो दिखाकर उसे पकड़ने की गुहार लगाई।

सरेराह कार्बाइन दिखाकर डराया

संजय मर्डर के आरोपी अजय यादव, सुभाष शर्मा और अन्य बदमाश हार्डकोर क्रिमिनल हैं। पुलिस के चुप रहने पर परिजनों ने खुद सुभाष को पकड़ने की कोशिश की। एक माह पूर्व नौसढ़ में सुभाष को देखा गया। तब संजय के परिजनों ने उसे घेरा तो कार्बाइन दिखाकर वह भाग निकला। सुभाष के खिलाफ लखनऊ, गोरखपुर, कोतवाली, गोरखनाथ, खजनी, बांसगांव सहित कई थानों में लूट, हत्या के प्रयास, अपहरण, रेप, मारपीट सहित 18 से अधिक मुकदमें दर्ज हैं। खुद को एसटीएफ का जवान बताने वाला सुभाष शातिर लुटेरा है। चेरिया निवासी अजय यादव उर्फ गुड्डू के खिलाफ भी 36 से अधिक मामले दर्ज हैं। नौ फरवरी को कैंट पुलिस ने अजय यादव उर्फ गुड्डू को अवैध असलहों संग अरेस्ट किया था। खास बात यह है कि मर्डर के बाद भी शातिर सीना ठोंककर शहर में घूमते रहे। सपा नेता के गुमराह करने पर पुलिस उन पर शिकंजा नहीं कस सकी।

वर्जन

संजय यादव मर्डर का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को पांच हजार रुपए का इनाम दिया गया है। फरार अभियुक्तों के खिलाफ इनाम घोषित किया जाएगा। अपराध से अर्जित उनकी प्रापर्टी को जब्त कराने के लिए पुलिस कार्रवाई करेगी।

रामलाल वर्मा, एसएसपी