- रोडवेज ने बस नंबरों की लिस्ट तैयार कर एसएसपी को सौंपा
- आई नेक्स्ट में खबर छपने के बाद हरकत में आए जिम्मेदार, बस स्टेशनों पर डिपो के अंदर लग रही बसें
- आरटीओ व पुलिस के साथ सड़क पर उतरी नगर निगम की टीम
GORAKHPUR: आई नेक्स्ट के अभियान 'सब पर भारी,डग्गेमारी' का शहर में जबरदस्त असर नजर आ रहा है। पब्लिक की प्रॉब्लम को दूर करने के लिए अब इस मामले में खुद कमिश्नर ने भी कदम आगे बढ़ाया ह। कमिश्नर के आदेश के बाद रोडवेज भी हरकत में आ गया और बुधवार को उन्होंने 16 डग्गमार बसों की लिस्ट एसएसपी को सौंप दी। इन पर एफआईआर कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही रोडवेज की ओर से अन्य डग्गामार बसों पर भी मुकदमा दर्ज कराने की लिस्ट तैयार की जा रही है। वहीं लिस्ट मिलते ही पुलिस ने भी इन डग्गामार बसों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है।
सुधार में लगा रोडवेज
रोडवेज की ओर से सौंपे गए 165 डग्गामार बसों की सूची में से 132 बसों की परमिट कैंसिल कर दिया गया। इस दौरान कई ऐसी बसें हैं, जिनका नंबर और डीटेल गलत थी। इस पर जब जिम्मेदारों ने नाराजगी जताई तो रोडवेज अपनी गलतियों को सुधारने में जुट गया है। गलती सुधार कर रोडवेज दोबारा लिस्ट बना रहा है। गौरतलब है कि बीते 25 दिसंबर से चल रहे इस अभियान के बाद डग्गमार बसों को खिलाफ पुलिस व प्रशासन ने एक साथ मोर्चा खोल दिया है। इसके बाद से अब यह बसें रोडवेज बस स्टेशनों के आसपास नजर नहीं आ रही है। जिससे पैसेंजर्स और वहां से गुजरने वाले मुसाफिरों को काफी राहत मिली है।
कमिश्नर के आदेश पर हड़कंप
डग्गमार बसों के लिए कमिश्नर पी गुरु प्रसाद ने भी आरटीओ, रोडवेज, पुलिस विभाग व नगर निगम को आदेश दिया। इसमें डग्गेमारों की सूची पुलिस को एफआईआर के लिए भेजी जाए। 8इसके साथ ही इनकी चेकिंग के लिए एक संयुक्त टीम बनेगी। इस टीम में एक मजिस्ट्रेट, सीओ, एआरटीओ व पुलिस की टीम लगातार अवैध बसों की चेकिंग कर रही है। साथ ही नगर निगम को भी सख्त आदेश दिया है कि वह अपनी टीम के जरिए प्राइवेट बसों को नगर निगम द्वारा दिए गए स्टैंड पर ही लगाना सुनिश्चित करें। रोडवेज के लिए भी कमिश्नर ने कहा है कि बस स्टेशन परिसर के बाहर खड़ी होने वाली सभी रोडवेज की बसें डिपो के अंदर ही खड़ी होंगी। अगर रोडवेज बसों से भी जाम लगा तो इनपर कार्रवाई की जाएगी। बुधवार को मिले आदेश के बाद सभी जिम्मेदार हरकत में आ गए और आनन-फानन में सभी ने कार्रवाई शुरू कर दी।
मुस्तैद हुआ सरकारी महकमा
आई नेक्स्ट के अभियान पर कमिश्नर का आदेश मिलते ही सरकारी महकमा बुधवार को पूरी तरह मुस्तैद नजर आया। रोडवेज की सभी बस स्टेशनों पर बसें डिपो के अंदर खड़ी नजर आई। नगर निगम प्रशासन भी सिटी में जगह-जगह प्राइवेट बसों को स्टैंड की तरफ खदेड़ता नजर आया। इसके साथ ही आरटीओ की टीम भी ग्रामीण इलाकों के साथ ही शहरी इलाकों में भी कार्रवाई करती नजर आई। बुधवार को भी आरटीओ ने कई बसों का चालान किया और कई बसों को बंद किया है। इन सब के बावजूद कुछ दबंग इक्का-दुक्का डग्गेमार अभी भी रोडवेज के आसपास नजर आए।
खुली नगर निगम की पोल
बुधवार को जब रोडवेज बस स्टेशन पर सड़कों से बसें हटी, तो यहां नगर निगम की पोल खुल गई। रोडवेज की बसें हटते ही रोडवेज बस स्टेशन के सामने ही नाली से निकले कचड़े पटे नजर आए। आसपास के दुकानदारों की मानें तो आधी सड़कों पर कचड़ा जमा होने के कारण भी यहां अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। साथ ही रोडवेज के पैेसेंजर्स भी इस कचड़े की वजह से काफी परेशान रहते हैं। रोडवेज अधिकारियों के मुताबिक इसके साथ ही अगर साफ-सफाई की व्यवस्था भी हो जाए, तो इससे रोडवेज पैसेंजर्स को तो राहत मिलेगी ही। साथ ही ज्यादा पैसेंजर्स आने से विभाग की अर्निग भी बढ़ेगी।
बढ़ी रोडेवज की अर्निग
रोडवेज एआरएम महेश चंद्र श्रीवास्तव के मुताबिक जब से इन डग्गामारों पर अंकुश लगते ही रोडवेज की अर्निग काफी बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि अभी तक रोडवेज की एवरेज अर्निग 12-13 लाख रुपए प्रतिदिन की होती थी, लेकिन इसपर अंकुश लगते ही रोडवेज की अर्निग प्रतिदिन करीब तीन लाख रुपए बढ़ गई है। 28 दिसंबर को रोडवेज की टोटल अर्निग 15.78 लाख रुपए रही तो 29 दिसंबर को भी यह 15.69 लाख रुपए रही। पिछले साल की तुलना में भी यह अर्निग तीन लाख से अधिक की है। एआरएम ने बताया कि अगर इन डग्गामरों पर पूरी तरह अंकुश लग जाए तो इससे रोडवेज की अर्निग और भी बढ़ जाएगी।