गोरखपुर (ब्यूरो)। दूसरी ओर जिले की कई चौकियों पर रहने-ठहरने का कोई ठिकाना नहीं है। इस वजह से पुलिस कर्मचारियों के साथ-साथ पब्लिक को भी परेशान होना पड़ रहा है। एसएसपी ने कहा कि नए पुलिस थानों-चौकियों के साथ-साथ पुराने भवनों का रेनोवेशन कराया जाएगा। इस संबंध में भी कार्रवाई की जा रही है।

कहीं एक कमरा तो कहीं नहीं बैठने की जगह

जिले में तमाम पुलिस चौकियों को उनके भवन मिल गए हैं। हाइवे के निर्माण में टूटी पुलिस चौकियों की नई बिल्डिंग मिल गई है। पब्लिक और कार्यदायी संस्था के सहयोग से चौकी प्रभारियों ने अपनी-अपनी चौकियों की सूरत बदल डाली, लेकिन जिले में आधा दर्जन से अधिक ऐसी पुलिस चौकियां हैं जहां बुनियादी सुविधाओं का भारी अभाव है। किसी पुलिस चौकी पर एक कमरा है तो कहीं पर बैठने की जगह नहीं है।

घूमते रहते पुलिस कर्मचारी

जिन पुलिस चौकियों पर कमरे नहीं बने हुए हैं। वहां तैनात पुलिस कर्मचारी इधर-उधर घूमते रहते हैं। पर्चा काटने से लेकर जरूरी कामों के लिए पुलिस कर्मचारियों को दूसरे ठौर-ठिकाने खोजने पड़ते हैं। पुलिस तो किसी तरह से एडजस्ट कर लेती है, लेकिन फरियाद लेकर आने वाली पब्लिक काफी परेशान होती है। गुमटीनुमा कमरे में चल रही पुलिस चौकियों पर ना तो बैठने की सुविधा मिलती है। न ही इन जगहों पर टॉयलेट और पीने के साफ पानी का इंतजाम है।

जिले में 29 थाने, कुल 65 पुलिस चौकियां

पिछले साढ़े चार साल के भीतर जिले में पुलिस चौकियों की संख्या बढ़ी है। कई थानों में नई पुलिस चौकियां बनाई हैं। आपराधिक घटनाओं की रोकथाम और पब्लिक की डिमांड पर पुलिस चौकियों को अनुमति शासन से मिल गई। जिले में एम्स थाना सहित कुल 29 पुलिस स्टेशन और 68 पुलिस चौकियां हैं। पुलिस थाने में एम्स की जीडी ऑनलाइन हो गई है। लेकिन बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन न होने से इसका इनॉगरेशन नहीं हो सका है।

पुलिस स्टेशन चौकियां

कोतवाली 04

राजघाट 05

तिवारीपुर 02

कैंट 11

शाहपुर 06

रामगढ़ताल 04

खोराबार 03

गोरखनाथ 01

कैंपियरगंज 03

पीपीगंज 01

चिलुआताल 03

सहजनवां 01

गीडा 02

चौरीचौरा 02

झंगहा 04

गुलरिहा 03

पिपराइच 01

बड़हलगंज 02

बेलघाट 01

बांसगांव 03

गगहा 02

खजनी 02

हरपुर बुदहट 01

बेलीपार 01

यह होनी चाहिए सुविधाएं

- चौकी प्रभारी के लिए एक दफ्तर और अलग चौकी प्रभारी कक्ष

- तैनात किए गए सभी कांस्टेबल के लिए बैरक की व्यवस्था

- टॉयलेट, पीने के पानी और अन्य बुनियादी सुविधाएं

- पुलिस कर्मचारियों का भोजन बनाने के लिए मेस

- पब्लिक के लिए बैठने का स्थान, अलग टॉयलेट की व्यवस्था

- आरोपितों के बैठाने, मुकदमे में अरेस्ट लोगों के लिए लॉकअप

क्या होता है फायदा?

- रहने और खाने की सुविधा होने से पुलिस कर्मचारी 24 घंटे मौजूद रहते हैं।

- दरोगा और पुलिस कर्मचारियों के स्टे करने से प्रॉपर ड्यूटी होती है।

- रात में ड््यूटी के अलावा अन्य पुलिस कर्मचारी भी तैनात रहते हैं।

- पब्लिक की भीड़ जुटने पर असुविधा नहीं होती है।

- मीटिंग बुलाने, किसी कार्यक्रम के आयोजन में सुविधा होती है।

इन पुलिस चौकियों पर भारी अभाव

- रामगढ़ताल की नौकायन पुलिस चौकी

- पीपीगंज एरिया के जंगल कौडिय़ा पुलिस चौकी

- कैंट एरिया की बेतियाहाता पुलिस चौकी

- रामगढ़ताल एरिया का आजाद चौक

- कैंट एरिया की कलेक्ट्रेट पुलिस चौकी

- तिवारीपुर एरिया में घासीकटरा पुलिस चौकी

- चिलुआताल एरिया का बरगदवां पुलिस चौकी

नए थानों और पुलिस चौकियों का प्रपोजल तैयार किया जा रहा है। इसे जल्द ही शासन को भेज दिया जाएगा। स्थान मिलने पर पुरानी चौकियों पर भी कमरे बनवाए जाएंगे। पुलिस कर्मचारियों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

- डॉ। विपिन ताडा, एसएसपी