- सहजनवां थाना पर तैनात थे ज्योति भूषण
- कफन के लिए परिजनों का इंतजार करते रहे इंस्पेक्टर
GORAKHPUR: सहजनवां थाना पर तैनात एचसीपी ज्योति भूषण सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई। गुरुवार रात सीने में दर्द होने पर उन्हें सीएचसी पर ले जाया गया। लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। एचसीपी की मौत की सूचना पाकर रात में ही परिजन पहुंच गए। लेकिन डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के लिए थाना का स्टाफ कफन का इंतजाम नहीं कर सका। कफन के लिए एसएचओ परिजनों की राह देखते रहे। पुलिस लाइन में अंतिम सलामी के बाद एचसीपी की डेड बॉडी परिजनों को सौंप दी जाएगी।
खाना खाने के बाद बिगड़ी तबियत
सिद्धार्थनगर जिले के बांसी, रिठियां निवासी ज्योति भूषण सिंह की तैनाती जनवरी 2014 में सहजनवां थाना पर हुई थी। दो माह पहले प्रमोशन पाकर वह प्रोन्नत वेतनमान प्राप्त दरोगा हो गए। गुरुवार की रात क्षेत्र से गश्त करके थाने पर लौटे। मेस में खाना खाकर अपने कमरे में चले गए। अचानक तबियत बिगड़ने पर सिपाहियों ने उनको सीएचसी पर पहुंचाया। एसएचओ अंजनी कुमार श्रीवास्तव को जानकारी दी। इलाज के दौरान दरोगा की मौत हो गई। रात में ही पुलिस ने परिजनों को दरोगा के मौत की जानकारी दी।
पहले भी सहजनवां में रहे थे तैनात
वर्ष 2003 से लेकर 2005 तक ज्योति भूषण सहजनवां थाना पर रह चुके थे। ज्योति की पांच बेटियां गुडि़या, मीना, नेहा, रोशनी, शालिनी और एक बेटा विक्रम हैं। दो बेटियों गुडि़या और मीना की शादी हो चुकी है। पुलिस कर्मचारियों ने बताया कि ज्योति भूषण की तबियत अक्सर खराब रहती थी। पीजीआई में उनका इलाज चल रहा था। कानूनी औपचारिकता पूरी करके पुलिस ने उनकी डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिजनों के पहुंचने के पहले कफन का इंतजाम न होने से कुछ पुलिस कर्मचारी काफी नाराज थे।