- रेलवे ट्रैक पर रोकी ट्रेन, तब उठी लाश
- पिपराइच एरिया में रेलवे गेट पर हुई घटना
GORAKHPUR: पिपराइच एरिया में ट्रेन से कटे छात्र की डेड बॉडी छह घंटे रेलवे ट्रैक पर पड़ी रही। पिपराइच थाना और जीआरपी की संवेदनहीनता से परिजनों का गुस्सा भड़क गया। आसपास के लोगों ने रेलवे ट्रैक जाम कर प्रदर्शन किया। ट्रेनों का आवागमन ठप होने पर जीआरपी हरकत में आई। इस दौरान रेलवे गेट बंद होने से घंटों आवागमन ठप रहा।
ट्रेन की चपेट में आया छात्र
पिपराइच एरिया के लुहसी निवासी देवलाल यादव सऊदी में रहकर कमाते हैं। उनका बेटा विपिन आईटीआई का स्टूडेंट था। गोरखपुर शहर में किराए पर कमरा लेकर रहने वाला विपिन रविवार दोपहर घर से निकला। पिपराइच रेलवे डिपो के पास पहुंचा। तभी ट्रेन की चपेट में आ गया। चरवाहों के शोर मचाने पर लोगों को छात्र के कटने की जानकारी हुई। कुछ लोगों ने उसकी पहचान कर परिजनों को सूचना दी। कस्बे में चर्चा होने लगी कि मां-बाप का इकलौता बेटा किसी बात से नाराज होकर घर से निकला था। हेडफोन पर बात कर उसने ट्रेन के आगे छलांग लगा दी।
पुलिस की पंचायत पर भड़का गुस्सा
दोपहर करीब 12 बजे हुई घटना को पुलिस लापरवाह बनी रही। जीआरपी के इंतजार में शाम पांच बजे तक डेड बॉडी रेलवे ट्रैक पर पड़ी रही। पुलिस का रवैया देखकर लोग भड़क गए। आसपास गांवों के सैकड़ों लोग पहुंच गए। लोगों ने पिपराइच रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया। मालगाड़ी रोककर प्रदर्शन शुरू कर दिया। रेलवे ट्रैक जाम होने पर स्टेशन मास्टर ने मेमो भेजा। शाम करीब सवा पांच बजे डेड बॉडी हटाकर रेलवे ट्रैक से किनारे कर दी। मामला जीआरपी का बताकर पुलिस ने पंचनामा भरने से मना कर दिया। स्टेशन मास्टर ने जीआरपी गोरखपुर को मेमो भेजकर कार्रवाई करने को कहा। लेकिन काफी देर तक जीआरपी नहीं पहुंची।
दोबारा लोगों ने रोका आवागमन
पुलिस की लापरवाही से नाराज लोगों ने दूसरी ट्रेनों को रोककर प्रदर्शन किया। रेलवे ढाला बंद होने से दोनों तरफ जाम लग गया। रेलवे ट्रैक पर ट्रेन फंसी होने की सूचना पर अधिकारियों ने संज्ञान लिया। पब्लिक के भड़कने की जानकारी होने पर पिपराइच पुलिस ने डेड बॉडी हटाकर दूसरी जगह रखवा दिया। करीब सवा छह पहुंची जीआरपी डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज सकी।
ये उठानी पड़ी परेशानी
- मालगाड़ी रुकने से आधा घंटे तक समफार फाटक बंद रहा।
- गेट न खुलने से दोनों तरफ वाहनों का लंबा जाम लगा रहा।
- हंगामा होने पर उनौला का सिग्नल कैसिंल करना पड़ा।
- गोरखपुर से आवागमन करने वाली ट्रेन पिटती रही। कई ट्रेन्स लेट हुई।