- जाति प्रमाण पत्र से टूटा भर्ती का सपना
- पुलिस अस्पताल में हो रहा मेडिकल परीक्षण
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: उत्तर प्रदेश पुलिस की भर्ती में तमाम ओबीसी कैंडिडेट्स के सपने चकनाचूर हो गए। जाति प्रमाण पत्र बनवाने की शर्तो के उल्लंघन में कई लोगों को मेडिकल टेस्ट नहीं हो सका। अभ्यर्थियों का आरोप है कि भर्ती बोर्ड जानबूझकर उनके साथ ऐसा किया गया। ताकि सेटिंग वाले कैंडिडेट्स को वर्दी दी जा सके। मंडे को मेडिकल कराने पहुंचे करीब 15 लोग भटकते नजर आए। कैंडिडेट्स की मांग है कि उनकी समस्या का कोई समाधान किया जाए। वरना उन लोगों के सारे सपने टूटकर बिखर जाएंगे।
आवेदन के समय दी थी हिदायत
उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के आवेदन की अंतिम तिथि 20 अगस्त 2013 निर्धारित थी। आवेदकों से एक अप्रैल 12 से लेकर 20 अगस्त 13 के बीच बने जाति प्रमाण मांगा गया। पिछड़ी जाति के लोगों ने इस तिथि के पहले का सर्टिफिकेट लगा दिया। फिजिकल के बाद मुख्य परीक्षा करके मेरिट में आ गए। लेकिन मुसीबत तब खड़ी हो गई जब उनका मेडिकल शुरू हुआ। मेडिकल में ऐसे लोगों को लौटा दिया गया जिनके पास निर्धारित समय सीमा का सर्टिफिकेट नहीं था। कुछ कैंडिडेट्स के जाति प्रमाण पत्र को दरकिनार कर सामान्य मेरिट में शामिल कर लिया। इस वजह से तमाम कैंडिडेट्स छंट जा रहे हैं।
आयु सीमा का लाभ न मिलने से बढ़ी निराशा
कैंडिडेट्स का कहना है कि जाति प्रमाण पत्र मान्य न होने से आयु सीमा की छूट का लाभ नहीं मिल पाएगा। आयु सीमा खत्म होने के बाद वह लोग दोबारा एग्जाम नहीं दे पाएंगे। वर्दी चंद कदम की दूरी पर है। सरकार थोड़ी राहत दे दे तो वर्दी बदन पर चढ़ जाएगी। कई ऐसे भी हैं जिनकी आयु सीमा तो है लेकिन सर्टिफिकेट मान्य न होने से उनकी सारी मेहनत बेकार चली जाएगी। ऐसे लोगों का कहना है कि जब छांटना था तो पहले ही छांट देते। फाइनल रिजल्ट घोषित करके छांटना ठीक नहीं।
यूपी सरकार की मनमानी है। जानबूझकर हम लोगों को छांटा जा रहा है।
संदीप यादव, कुशीनगर
मेडिकल में छांटने के बजाय पहले ही बाहर कर देते। इससे कम से कम निराशा तो नहीं होती।
अजीत कुमार यादव, कुशीनगर
हमारी बात सुनने को कोई तैयार नहीं। जाति जब बदलती नहीं तो कहां से कोई रोज-रोज नया बनवाकर लाएगा।
हरिकेश चौधरी, फरेंदा, महराजगंज
बिना जाति प्रमाण पत्रों की जांच किए मेरिट जारी नहीं करनी चाहिए। सेटिंग वाले अभ्यर्थियों का मेडिकल कराया जा रहा है। ओबीसी के एक कैंडिडेट को सैटर्डे को कैंसिल कर दिया गया। लेकिन बाद में जुगाड़ होने पर उसका मेडिकल कराया गया।
गामा यादव, शास्त्री नगर, गोरखनाथ