- झंगहा, गगहा की तीन वारदातों का खुलासा
- प्रेमिकाओं के शौक ने बना दिया बदमाश
GORAKHPUR: देहात एरिया में लूटपाट करके सनसनी फैलाने वाले बदमाश दीन दयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी गोरखपुर के छात्र निकले। वह हॉस्टल में रहकर गतिविधियां संचालित कर रहे थे। परिचितों को लूटकर सारी बदमाश सारी रकम अपनी प्रेमिकाओं की मौज मस्ती पर खर्च करते थे। चार बदमाशों के नए गैंग के दो बदमाशों को अरेस्ट करके पुलिस ने यह खुलासा किया।
पुलिस कर रही थी तलाश
देहात एरिया में लूटपाट की घटनाएं बढ़ने पर पुलिस एक्टिव हुई। गुरुवार को गगहा एरिया के कराहकोल घाट के पास बदमाशों की लोकेशन पुलिस को मिली। क्राइम ब्रांच और गगहा पुलिस ने पुल पर घेराबंदी करके बाइक सवार दो युवकों को दबोच लिया। तलाशी में उनके पास से तमंचा बरामद होने पर पुलिस का शक गहरा गया। पूछताछ में दोनों की कलई खुल गई। दोनों ने पुलिस को बताया कि वह लूट के लिए टारगेट की तलाश में निकले थे।
यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं तीन आरोपी
पूछताछ में दोनों की पहचान बेलघाट के बिरपियहवा, सांऊखोर निवासी श्याम सुंदर के बेटे जितेंद्र यादव और झंगहा एरिया के करौता निवासी मकरध्वज के बेटे रवि यादव के रूप में हुई। दोनों ने पुलिस को बताया कि अपने दो अन्य साथियों देवरिया जिले के राहुल और झंगहा के ठकुराई मुंडेरा निवासी प्रद्युम्न के साथ मिलकर लूटपाट करते हैं। जितेंद्र और रवि यादव यूनिवर्सिटी में एमए फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट हैं। वह आजाद चौक में किराए का कमरा लेकर पढ़ाई करते थे। बीए थर्ड ईयर का छात्र राहुल संत कबीर हॉस्टल में रहता है।
पीपीगंज में करने वाले थे चौथी लूट
पूछताछ में जितेंद्र और रवि ने बताया कि उन लोगों ने तीन वारदातें की थी। गगहा और झंगहा एरिया में ग्राहक सेवा केंद्र संचालक सहित तीन लोगों से नकदी, लैपटॉप, मोबाइल सहित कई सामान लूटा था। अगला टारगेट उन लोगों ने पीपीगंज में तय किया। एक बिजनेसमैन चार लाख रुपए लेकर चलता है। उसे लूटने की तैयारी में लगे थे। तभी ज्वेलर के कर्मचारी की हत्या करके लूटपाट हो गई जिससे उनका प्लान रद हो गया। पुलिस की सक्रियता वह लोग गगहा की ओर नया टारगेट तलाशने लगे।
राहगीरों को लूट, प्रेमिकाओं पर लुटाया पैसा
लूटपाट में पकड़े गए युवक शौकियां बदमाश बन गए। राहगीरों से लूटपाट करके प्रेमिकाओं की मौज मस्ती के लिए नकदी खर्च करने लगे। इससे उनका मन बढ़ता चला गया। पुलिस का कहना है कि तीनों वारदातों में बदमाशों ने अपने दूर के परिचितों को निशाना बनाया। जितेंद्र के पिता कमिश्नर दफ्तर में बाबू हैं। अक्सर छोटी मोटी वारदातों में वह अपने पद के प्रभाव से जितेंद्र को बचाते रहे। डीआईजी ऑफिस में तैनात एक कर्मचारी की पैरवी पर जितेंद्र को पुलिस छोड़ देती थी।
वर्जन
पकड़े गए बदमाश अपने दूर दराज के परिचितों को लूट रहे थे। दो अन्य की पुलिस तलाश कर रही है। यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्र शौक-शौक में लुटेरे बन गए।
अनंत देव, एसएसपी