- इंजीनियर और प्रिंसिपल के मर्डर में ड्राइवर ही निकला कातिल
- दोस्तों संग मिलकर की साजिश, देर रात दिया घटना को अंजाम
- कर्ज में डूबा था ड्राइवर, ताना सुनने के बाद उठाया कदम
GORAKHPUR : इंजीनियर और प्रिंसिपल हाई प्रोफाइल मर्डर केस में पुलिस को हाईटेक होने का फायदा मिला है। पुलिस ने हत्या में शामिल ड्राइवर और उसके मामा को गिरफ्तार किया। लूट के बाद साथियों को लेकर पिंटू, फतेहपुर निवासी अपने मामा महताब के घर गया। रेलवे स्टेशन से ट्रेन धर्मशाला पहुंची तभी पिंटू ने प्रिंसिपल के मोबाइल में अपना सिम लगा लिया। इसके बाद वह लगातार अपने मामा और कई परिचितों से बात करता रहा। यहीं से पुलिस को कामयाबी का रास्ता मिल गया। कॉल ट्रेस करके क्राइम ब्रांच फतेहपुर पहुंची तो मामा-भांजा और तीनों बदमाशों ने ठिकाना छोड़ दिया था। पिंटू के साथी लखनऊ से कहीं और चले गए। वह मामा के साथ गोरखपुर लौटा। रविवार की सुबह पुलिस को पता लगा कि आरोपी पिंटू की मां, अपने पति से अलग कांशीराम आवास योजना में रहती है। मां से मिलने जा रहे बेटे को मामा संग पुलिस ने दबोच लिया। पिंटू ने पुलिस को बताया कि इंजीनियर का मोबाइल और बाकी की ज्वेलरी उसके फरार साथियों के पास है।
पहले साहब, फिर मैडम का कत्ल
पिंटू ने पुलिस को बताया कि गुरुवार की रात करीब सवा दो बजे वह अपने तीन साथियों गोलू, सोनू और राजू के साथ साहब के घर पहुंचा। घर के बाहर सीढ़ी से छत पर चढ़ गए। आंगन के ऊपर लगी प्लास्टिक का नट वोल्ट खोलकर घर में दाखिल हुए। सीढ़ी से उतरकर साहब-मैडम के कमरे में पहुंचे। धक्का देकर दरवाजा खोल दिया। अंधेरे में मोबाइल टार्च जलाकर दंपति को दबोच लिया। पिंटू ने संजय का पैर पकड़ा तो राजू ने उनका गला रेता। नींद में मैडम ने प्रतिरोध का प्रयास किया तो गोलू ने उनको दबोच लिया। सोनू ने शार्प चाकू गला रेत दिया जिससे खून का फौव्वारा छूटने लगा। खून बहने पर दोनों के मुंह पर तकिया डाल दिया। फिर इत्मीनान के साथ लूटपाट की। 26 हजार नकदी, ज्वेलरी और सामान समेटकर लोहे की जाली वाले गेट से बाहर निकले। बाहर से भीतर हाथ डालकर जाली गेट में ताला बंद किया। कॉलोनी के मियां बाजार वाले फाटक के रास्ते से निकलकर रेलवे स्टेशन पहुंचे। वहां चार बजे के आसपास जाने वाली ट्रेन में सवार होकर कानपुर पहुंचे।
मैडम ने दिया था इनाम
बशारतपुर, पानी टंकी के पास एक नेता की ट्रेवेल एजेंसी के ड्राइवर पिंटू उर्फ अनवर ने दंपति के भरोसे का कत्ल किया। वर्ष 2013 से उसका परिवार में आना जाना था। इंजीनियर की तबियत खराब होने पर पहली बार अपनी गाड़ी से उनको पीजीआई ले गया। उसके व्यवहार से इंजीनियर और प्रिंसिपल काफी प्रभावित थे। कहीं बाहर टूर पर जाने के लिए संजय या तुलिका अक्सर उसको बुला लेते थे। दिसंबर मंथ में भी दंपति को साथ लेकर लखनऊ गया था। 31 लखनऊ जाते समय रास्ते में हुए एक्सीडेंट में इंजीनियर की जान बचने पर प्रिंसिपल उसने काफी प्रभावित हुई। पांच जनवरी को मरम्मत के बाद गाड़ी लेकर पिंटू जब घर पहुंचा। तब साहब की जान बचाने से खुश तुलिका मैम ने उसको छह सौ रुपए का इनाम दिया। साथ ही कहा कि कोई जरूरत पड़े तो जरूर बोल देना। उनको कतई अंदाजा नहीं था कि पिंटू तो दोनों की जान ले लेगा। पिंटू ने पुलिस को बताया कि उसने टेंपो खरीदने के लिए एक लाख 65 हजार का लोन लिया। ससुराल से भी 50 हजार रुपए की मदद ली। टेंपो में घाटा लगने पर ट्रेवेल एजेंसी के मालिक को दिया। लेकिन ससुराल के 50 हजार रुपए को लेकर रोज घर में झगड़ा होने लगा। इससे तंग आकर उसने लूट की योजना गढ़ी। दंपति को सॉफ्ट टारगेट मानकर कत्ल कर दिया।