- रेलवे स्टेशन रोड पर एसटीएफ को मिली कामयाबी
- आरोपी सूरज पर था 12 हजार का इनाम, साथी गया बिहार
GORAKHPUR: दीवानी कचहरी की पेशी लॉकअप से फरार शातिर सूरज मुगल-ए-आजम की बाइक पर शान बघार रहा था। असल में उसने फरार होने के बाद एक बाइक लूटी थी, जिसके मालिक का नाम मुगल-ए-आजम था। हालांकि पुलिस की पकड़ में आते ही सूरज की सारी शान-शौकत खत्म हो गई।
सूरज हत्या, लूट सहित कई मामलों में आरोपी जेल में बंद था। वह 24 नवंबर, 2015 को दीवानी न्यायालय में पेशी पर गया था। कचहरी लॉकअप के बाथरूम की दीवार में लगी सेंध का फायदा उठाकर साथी बंदी कैंपियरगंज एरिया के राखूखोर निवासी योगेश मिश्रा के साथ फरार हो गया। फरारी के बाद योगेश और सूरज अलग हो गए। योगेश अपने परिचित के पास बिहार चला गया। गांव पहुंचे सूरज ने दियारा में छिपकर नए युवकों का गैंग खड़ा किया। जेब तंग होने से बांसगांव एरिया के हरनहीं में बाइक लूटी और संत कबीर नगर जिले के धनघटा में लूटपाट की।
लगाई थी फर्जी नंबर प्लेट
सोमवार की रात करीब सवा 11 बजे रेलवे स्टेशन रोड पर उसकी लोकेशन एसटीएफ को मिली। सीओ विकास चंद्र त्रिपाठी के निर्देश पर एसआई सत्य प्रकाश सिंह, एसआई अशोक सिंह, पंकज शाही, कांस्टेबल महेंद्र प्रताप ंिसंह, इंद्र प्रताप सिंह, अनूप राय, उमेश, जसवंत ंिसंह, भानु प्रताप और संतोष सिंह की टीम लेकर पहुंचे। पुलिस ने बाइक सवार तीन युवकों को अरेस्ट किया। तलाशी में उनके पास से असलहे की बरामदगी हुई। पूछताछ में 12 हजार के इनामी बदमाश सूरज पांडेय के सहयोगियों की पहचान गगहा एरिया के भलुआन निवासी श्याम मिश्र और अनूप सिंह के रूप में हुई। जांच में बाइक शाहपुर के जंगल तुलसीराम बिछिया निवासी मुगले आजम की निकली। फर्जी नंबर प्लेट लगाकर तीनों उस पर चल रहे थे।
दवा के नहीं थे पैसे
इसके पहले भी क्राइम ब्रांच ने सूरज को पकड़ने की कोशिश की थी। इस दौरान बाइक सहित सूरज गिर पड़ा। उसकी पिस्टल रास्ते में कहीं खो गई। गिरने से लगी चोट के उपचार के लिए जेब में पैसे नहीं थे। इसलिए उसने पहले से किए गए वादे पर अमल शुरू कर दिया। जेल में बंद बांसगांव एरिया के रेवाडीह निवासी संदीप तिवारी, संतकबीर नगर जिले के धनघटा, भैंसा टीकर निवासी जितेंद्र चौहान उर्फ पुरुषोत्तम ने सूरज से दो हत्याओं का सौदा किया था। संदीप तिवारी ने क्षेत्र के एक प्रधान और जितेंद्र ने गगहा के हाटा बाजार निवासी एक व्यक्ति की हत्या करने को कहा था। दोनों हत्याएं करके सूरज दो लाख की सुपारी कमाने के चक्कर में लग गया। लेकिन इसके पहले पुलिस ने उसे दबोच लिया।
डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे
गांव की नाबालिग किशोरी को भगाकर प्रेम विवाह करने वाले सूरज पांडेय के खिलाफ गोरखपुर, संत कबीर नगर और मऊ सहित कई जिलों के थानों में मुकदमे दर्ज हैं। 27 अप्रैल 2014 को कुख्यात रिंकू पांडेय ने खजनी एरिया में प्रेम दुबे की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बदले में सूरज ने अपने साथियों के बेलीपार, चारपानी निवासी रिंकू के घर ताबड़तोड़ फायरिंग करके रिंकू के भाई ऋषिकेश, उसकी मां सुभावती की हत्या कर दी। इसके दो दिन बाद अपने साथी विशाल दुबे की गोला एरिया में गोली मारकर हत्या कर दी। दिसंबर 14 में सूरज ने साथियों के साथ गगहा एरिया में तीन और मऊ-घोषी एक पेट्रोल पंप पर लूटपाट की। इसके अलावा विभिन्न कंपनियों के सेल्समैन, ट्रक ड्राइवर, व्यापारी सहित कई लोगों को निशाना बनाया। सूरज के खिलाफ धनघटा, बेलघाट, गगहा, बेलीपार, गोला सहित कई थानों में हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, छिनैती, गैंगेस्टर के मुकदमे दर्ज हैं। सूरज का साथी श्याम मिश्र चोरी में दो बार जेल जा चुका है। उसके खिलाफ जीडीए ऑफिस में चोरी करने का केस है। अनूप सिंह का कोई क्रिमिनल रिककॅर्ड नहीं है। कुछ दिन पहले ही वह सूरज के संपर्क में आया था।
वर्जन
शातिर सूरज से पूछताछ में कई तरह की जानकारियां मिली हैं। वह जेल में बंद बदमाशों के कहने पर दो लोगों की हत्या करने की तैयारी में था। गैंग बिखरने से वह नए लोगों का जोड़ रहा था। उसके मददगारों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।
-विकास चंद्र त्रिपाठी, सीओ क्राइम ब्रांच