गोरखपुर (ब्यूरो)।एचओडी प्रो। अजय शुक्ला ने बताया कि इस कॉम्प्टीशन में स्टूडेंट्स को स्वतंत्र रूप कविता की रचना करनी थी। कॉम्प्टीशन में सुधांशु राय ने द्वापर युग के योद्धा सात्यकि के जीवन और वीरता, जाह्नवी सिंह ने इजराइल-फिलिस्तीनी वॉर का मासूमों पर होने वाले प्रभाव, चंद्र प्रकाश ने चंद्रयान-3 का विजयोल्लास, दीप मिश्रा ने सोशल मीडिया का हस्त लिखित पत्रों पर प्रभाव, प्रकृति पटेल ने संगीत की महत्ता, आस्था मिश्रा ने मध्यम वर्गीय समाज, श्वेता उपाध्याय ने एंजेल, सुष्मिता ने निराशा एवं आशा, श्वेता मौर्य ने परिवार, सना ने दूरी, आकांक्षा यादव ने जीवन होना ही नहीं चाहिए सहित विभिन्न विषयों पर प्रतिभागियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की तथा सस्वर वाचन भी किया। प्रो। शुक्ला ने बताया कि स्टूडेंट्स को कॉम्प्टीशन में पार्टिसिपेट करना चाहिए। इससे उनकी साहित्यिक ज्ञान के साथ-साथ रचनात्मक शक्ति, लेखन कला तथा अंग्रेजी साहित्य को देखने का अलग नजरिया भी मिलेगा। कार्यक्रम में डॉ। आमोद राय, डॉ। संजीव विश्वकर्मा और डॉ। साइका तंजील उपस्थित रहे।