- राप्तीनदी के राजघाट पर तीन जून को चलेगा सफाई अभियान
- विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के अलावा आम जनता भी होगी भागीदार
GORAKHPUR:
जीवनदायिनी का जीवन खतरे में है। राप्ती नदी के राजघाट किनारे गंदगी के अंबार को देखकर इसका अंदाजा बखूबी हो जाता है। अब वर्ल्ड एनवायरमेंट डे करीब है। बुधवार को आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने राप्ती के घाटों का रियलटी चेक किया। इस दौरान हर तरफ गंदगी का अंबार देखने को मिला।
पशुओं के शव की बदबू
राजघाट पुल के नीचे फेंके गए पशुओं के शवों की बदबू थी तो दूसरी तरफ सिटी से निकलने वाला कूड़ा और नाले से नदी के आकर मिलने वाला गंदा पानी। घाट पर कई ऐसी जगहें मिलीं, जहां खड़ा होना ही मुश्किल था। घरों से निकलकर नदी तक पहुंचने वाले गंदे पानी और कूड़े के कारण नदी की मछलियों और अन्य जीवों का जीवन भी खतरे में है। इसमें नहाने से कई तरह की स्किन डिजीज की संभावना बढ़ जाती है। इसका सबसे बड़ा नुकसान सिटी के निवासियों को होता है। भूगर्भ का पानी खराब होने के चलते पेट सहित कई अन्य तरह की गंभीर बीमारियां होने लगती हैं।
कहां: राप्ती नदी के किनारे राजघाट
कब: सुबह 6 बजे
क्या: चलेगा सफाई अभियान
ये स्वयं सेवी संस्थाएं रहेंगी साथ:
-राप्ती संस्कृति संरक्षण न्यास, आनंद ग्रामोद्योग, वरदा आर्ट इंस्टीट्यूट, इनरव्हील क्लब होराइजन, इनरव्हील क्लब, प्रगति सेवा संस्थान, पहला कदम, पहल
बॉक्स में
आई नेक्स्ट ने उठाया है सफाई का बीड़ा
राजघाट को नई जिंदगी देने के लिए आई नेक्स्ट वर्ल्ड एनवायरमेंट डे से पूर्व 'पर्यावरण बचाना है, घाट से गंदगी को हटाना है' नाम से खास मिशन चलाएगा। इस एक्टिविटी के तहत तीन जून को आई नेक्स्ट सिटी के विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं, राप्ती संस्कृति संरक्षण न्यास, आनंद ग्रामोद्योग सहित करीब आधा दर्जन अन्य संस्थाओं के साथ राजघाट की सफाई का अभियान चलाएगा। इसके तहत लोगों के घाटों और पानी के गंदा होने मानव और जलीय जीवन पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताया जाएगा। इस दौरान बड़ी मात्रा में जुटकर लोग श्रमदान करेंगे।