- सिटी में बांध, नाली, खाली प्लॉट पर फैला है कूड़ा
- नगर निगम की लापरवाही से इधर-उधर फैला हुआ कूड़ा
- सिटी में नहीं हुआ सुधार तो आने वाले समय पर केवल नजर आएंगे पॉलिथीन
GORAKHPUR: पॉलिथीन की रिसाइकलिंग की व्यवस्था न होने से सिटी में प्लास्टिक कचरे का ढेर जमा हो गया है। यह कचरा अब गोरखपुराइट्स की नाक में दम कर रहा है। नगर निगम सिटी से प्लास्टिक कचरा हटाकर नदियों के किनारे डाल देता है। यह पॉलिथीन और प्लास्टिक ग्राउंड वाटर लेवल तो कम ही कर रहा है साथ ही नदियों का पानी प्रदूषित कर रहा है। साथ ही लोगों की लापरवाही भी सिटी में प्लास्टिक कचरा जमा करने का काम कर रही है।
फैक्ट फाइल
- भ्98 मीट्रिक टन कूड़ा डेली निकलता है।
- क्भ्0 मीट्रिक टन कूड़ा पॉलिथीन का होता है।
- ब्00 मीट्रिक टन कूड़े का ही हो पाता है निस्तारण।
- भ्0 मीट्रिक टन पॉलिथीन नालों, सड़क और खाली प्लाटों में पड़ा रहता है।
- क्00 मीट्रिक टन पॉलिथीन महेवा, एकला और महेसरा बांध पर नदी किनारे गिराया जाता है।
सिटी का भ्0 प्रतिशत प्लास्टिक कचरा नदी के किनारे
स्थान- एकला, महेवा और महेसरा बांध
पॉलिथीन- भ्0 प्रतिशत
नगर निगम सोर्सेज की मानें तो इतनी बड़ी मात्रा में जो कूड़ा गिराया जाता है, उसमें लगभग भ्0 प्रतिशत हिस्सा पॉलिथीन का होता है। मुख्य सफाई निरीक्षक पीएन गुप्ता का कहना है कि यहां इन एकला, महेवा और महेसरा बांध पर सिटी का लगभग 70 प्रतिशत एरिया का कूड़ा गिराया जाता है। इसमें से भ्0 प्रतिशत हिस्सा पॉलिथीन का होता है जो सीधे नदी में गिरता है। नदियों का पानी तो प्रदूषित होता ही है साथ ही इससे जुड़े व्यवसाय पर भी चोट पड़ती है।
सिटी के भ्9 वार्ड जलजमाव की चपेट में
स्थान- सिटी के क्8 प्रतिशत एरिया
पॉलिथीन- ख्0 प्रतिशत
नगर निगम में 70 वार्ड हैं। इसमें भ्9 वार्ड बारिश के बाद भी चार महीने तक वाटर लॉगिंग से परेशान रहते हैं। इन एरिया में जल जमाव का सबसे बड़ा कारण पॉलिथीन है। नाले और नालियों में पूरे साल पॉलिथीन पड़े रहते हैं। इसके कारण अक्सर यह चोक हो जाते हैं.ये ही बारिश में जल जमाव का कारण बन जाते हैं। सिटी में जो भी घर नाले के किनारे हैं उनके घर का कूड़ा नाले में फेंका जाता है। बारिश में जब रेती पुल के पास सफाई की जाती है तो सिल्ट से अधिक पॉलिथीन निकलता है।
खाली प्लॉट या कूड़ादान
स्थान- सिटी के सभी मोहल्लों में खाली प्लॉट
पॉलिथीन-क्0 प्रतिशत
सिटी के बाहरी एरिया में बड़ी संख्या में खाली प्लॉट हैं। यह प्लाट में वर्तमान समय में कूड़ेदान का रूप ले चुके हैं।
सिटी के अंदर जो प्लाट खाली हैं, वे भी कूड़ेदान में तब्दील हो चुके हैं। पार्षदों को कहना है कि सुबह तो सफाई हो जाती है। उसके बाद भी घर का कूड़ा अक्सर लोग पॉलिथीन में भरकर खाली प्लॉट में फेंक देते हैं।
गलियों में पॉलिथीन की भरमार
स्थान- सिटी की कई गलियां
पॉलिथीन- क्0 प्रतिशत
सिटी में रोजाना कम से कम क्भ्0 मीट्रिक टन पॉलिथीन निकलता है। इसमें नगर निगम क्00 मीट्रिक टन पॉलिथीन का निस्तारण कर लेता है। बकि भ्0 मीट्रिक टन पॉलिथीन नहीं उठ पाता है। इसमें से 90 प्रतिशत पॉलिथीन नाले और नालियों में चला जाता है, जबकि क्0 प्रतिशत पॉलिथीन सड़क पर फैला रहता है। इन पॉलिथीन के कारण सिटी की सड़कें गंदी दिखती है।