- आई नेक्स्ट के सहयोग से सिंघानिया क्लासेज और जीएमसी के अफसरों ने बांटे जूट के बैग
-लोगों ने ली शपथ, अब नहींयूज करेंगे पॉलिथीन
-सिटी में हर शख्स कर रहा है आई नेक्स्ट के कैंपेन की तारीफ
GORAKHPUR: अगर हमें कल को बचाना है तो पर्यावरण को बचाना होगा। इसके लिए जरूरी है कि पॉलिथीन बैग और प्लास्टिक का यूज खत्म कर दिया जाए। इसी तर्ज पर आई नेक्स्ट ने प्लास्टिक बॉम्म टिकिंग नाम से कैंपेन चलाया। हमने बताया कि पॉलिथीन और प्लास्टिक का यूज किस तरह हमारी धरती को भस्मासुर की तरह खत्म कर रहा है। आज सिटी का कोना कोना पॉलिथीन से भरा नजर आता है। हरियाली बचाने के लिए जरूरी है कि पॉलिथीन का यूज न किया जाए। आई नेक्स्ट की इस पहल का स्वागत सिटी की कई संस्थाओं सहित गोरखपुर नगर निगम ने किया। मंगलवार को आई नेक्स्ट के साथ कदमताल करते हुए सिंघानिया क्लासेज और गोरखपुर नगर निगम ने सिटी की सब्जी मार्केट में लोगों को जूट के बैग बांटकर अवेयर किया।
पॉलिथीन मुक्त होने के टिप्स
ट्यूज्डे को नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी रविश चंद और सिंघानिया क्लासेज के डायरेक्टर संदीप सिंघानिया ने दीवानी कचहरी स्थित सब्जी मंडी में लोगों को जूट के बैग बांटे। साथ ही उन्हें पॉलिथीन का यूज कम से कम करने के टिप्स भी दिए। आई नेक्स्ट ने अपने कैंपेन के तहत बताया था कि सिटी में लोग सब्जी खरीदते समय सबसे ज्यादा पॉलिथीन बैग का यूज करते हैं। बाद में यही पॉलिथीन घरों में जाती है और लोग इसमें कूड़ा फेंकते है। यही पॉलिथीन कचरे में शामिल होकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। पॉलिथीन में ऐसे तत्व होते हैं तो ग्राउंड वाटर लेवल की रिचार्रि्जग को नुकसान पहुंचाते हैं। साथ ही कई बार अवारा पशु इस पॉलिथीन को खा लेते हैं जो उनकी मौत कारण बन जाता है।
मार्केट में छोड़ दिए पॉलिथीन
यह आई नेक्स्ट का प्रयास ही था कि लोगों ने दुकानदारों से पॉलिथीन लेने मना कर दिया और जूट के बैग में सब्जी और सामान लेकर घर गए। साथ ही आई नेक्स्ट, सिंघानिय क्लासेज के संदीप सिंघानिया और जीएमसी रवीश चंद की टीम ने लोगों को शपथ दिलाई की वे अब पॉलिथीन का यूज करें।
सभी ने दिया सहयोग
आई नेक्स्ट के इस मुहिम की पूरे शहर मेंचर्चा है। लोग अब धीरे धीरे पॉलिथीन से दूरी बना रहे हैं। लोग अब समझने लगे हैं कि पॉलिथीन पर्यावरण के लिए तो नुकसानदेह है ही साथ ही उनकी हेल्थ के लिए भी खतरा है। पॉलिथीन बनाने में जो केमिकल यूज किया जाता है, उससे कई तरह की बीमारियों को न्योता मिलता है।
सिटी को पॉलिथीन को मुक्त करने का यह प्रयास सराहनीय है। पर्यावरण को हरा भरा रखने के लिए जरूरी है प्लास्टिक का यूज खत्म किया जाए।
संदीप सिंघानिया, डायरेक्टर, सिंघानिया क्लासेज
नगर निगम का प्रयास रहेगा कि सिटी को पॉलिथीन मुक्त किया जाए। तभी वातावरण शुद्ध हो सकेगा। लोगों को आई नेक्स्ट का शुक्रिया करना चाहिए।
रविश चंद, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, जीएमसी
गोरखपुराइट्स ने इस कैम्पेन को बेहतर बताते हुए सभी को जुड़ने की सलाह दी। साथ ही यह भी कहा कि यदि लोग इरादा कर लें तो सिटी पॉलिथीन मुक्त हो जाएगी। आई नेक्स्ट की यह पहल सराहनीय है।
पदमाकर मिश्रा, प्रोफेशनल
प्लास्टिक थैलों से प्रॉब्लम्स
-प्लास्टिक थैलियों को निपटान यदि सही ढंग से नहीं किया जाता है तो वे जल निकास (नाली) प्रणाली में अपना स्थान बना लेती हैं। इससे जलजनित बीमारियां पैदा होती हैं।
-रंगीन प्लास्टिक थैलों में ऐसे रसायन होते हैं जो जमीन में पहुंच जाते हैं और इससे मिट्टी और भूगर्भीय जल विषाक्त बन सकता है।
-प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है जो मिट्टी में आसानी से घुलता मिला नहींहै। इसे यदि मिट्टी में छोड़ दिया जाए तो अंडर ग्राउंड वाटर लेवर की रिचार्रि्जग को रो सकता है।