गोरखपुर (ब्यूरो)।इस साल उन्होंने इसे और बड़ा करने की योजना बनाई है। इस बार वे देश के सभी इंस्टीट्यूशंस को भी अपने स्टूडेंट्स और कर्मचारियों से पौधे लगाने का अनुरोध करेंगे। इनका टारगेट है कि पूरे देश के स्टूडेंट्स मिलकर 100 करोड़ पौधे लगाएं।

58 दिन तक चलेगा अभियान

एनएसएस के इस अभियान की शुरुआत 3 जुलाई से होगी। इसी दिन सावन महीने की शुरुआत हो रही है। दर्पण ड्राइव हर साल एक महीने तक चलती है, लेकिन इसके बाद अधिकमास लगने की वजह से यह 58 दिनों तक चलेगा। इस दौरान बारिश होने की सबसे ज्यादा उम्मीद रहती है, इसमें पौधे की आसानी से ग्रोथ होती है।

सभी कर्मचारी और स्टूडेंट्स लगाएंगे पौधा

इस प्लांटेशन ड्राइव के दौरान यूनिवर्सिटी के सभी कर्मचारी और स्टूडेंट्स एक पौधा लगाएंगे। अभी समर वेकेशन चल रहे हैं, ऐसे में जो स्टूडेंट्स घर पर हैं। वो वहीं एक पौधा लगाएंगे और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे।

देश के सभी इंस्टीट्यूशंस और माननीय से रिक्वेस्ट

एमएमएमयूटी एनएसएस के कोऑर्डिनेटर डॉ। अवधेश कुमार ने बताया कि इस अभियान को व्यापक बनाने के लिए इस बार देश के सभी इंस्टीट्यूशंस से रिक्वेस्ट की जाएगी कि वे अपने स्टूडेंट्स और कर्मचारियों से एक पौधा लगवाएं और उसकी देखभाल करने के लिए प्रेरित करें। साथ ही देश के सभी विधायक और सांसद को भी इस अभियान से जोडऩे की कोशिश की जाएगी। इसके लिए 16 प्रोग्राम ऑफिसर बनाए गए हैं, जो इन सभी लोगों को ईमेल के जरिए सूचना देंगे। हमारा कोशिश रहेगी कि इस सावन में हम 100 करोड़ पौधे पूरे देश में लगाए जाएं।

गोरखपुर का घटाना है टेम्प्रेचर

डॉ। अवधेश ने बताया कि शहरीकरण और प्रदूषण के बढऩे की वजह से लगातार गर्मी बढ़ रही है। हीटस्ट्रोक के मामले लगाता बढ़ रहे हैं। इससे बुरा परिणाम भविष्य में देखने को मिल सकता है। इसी से बचने के लिए यह प्लांटेशन ड्राइव चलाई जा रही है। इसकी शुरुआत गोरखपुर से होगी। यहां की सभी यूनिवर्सिटी और शैक्षिणक संस्थानों के साथ मिलकर ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने की कोशिश की जाएगा। हमारा टारगेट है कि अगले पांच साल तक गोरखपुर में इतने पौधे लग जाएं, जिससे यहां का टेम्प्रेचर 40 डिग्री से ज्यादा न पहुंचे। जितने ज्यादा पेड़ रहेंगे। उतना ही हमारा पर्यावरण साफ और सुरक्षित रहेगा।

ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या से बचने के लिए पौधरोपण बहुत जरूरी है। दर्पण अभियान के जरिए हर साल स्टूडेंट्स से पौधे लगवाए जाते हैं। साथ ही उन्हें उसकी देखभाल करने के लिए भी प्रेरित किया जाता है। इस साल भी पूरे सावन में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए जाएंगे।

प्रो। जेपी पांडेय, वीसी, एमएमएमयूटी