- मार्ग की मरम्मत के लिए तीन बार हो चुका है धरना
- आश्वासन के बाद भी नहीं शुरू हुआ निर्माण कार्य
- एरिया के लोगों ने दी आंदोलन की चेतवानी
GORAKHPUR: गोरखपुर- गोरखपुर- पिपराइच मार्ग गड्ढों में तब्दील हो चुका है। यह मार्ग तीन साल से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। एरिया के लोगों ने सड़क की मरम्मत के लिए कई बार धरना-प्रदर्शन और आंदोलन किए, लेकिन नतीजा सिफर रहा। चार माह पहले निर्माण कराने पर पादरी बाजार, पंचायत भवन और डीएम दफ्तर पर धरना- प्रदर्शन और आंदोलन चला। इस आंदोलन ने पीडब्ल्यूडी अफसरों की नींद उड़ा दी थी। इसके बाद विभाग निर्माण कार्य शुरू कराने का आश्वासन देकर मामला शांत कराया था।
एक साल भी नहींचली रोड
बतातें चले कि लगभग नौ करोड़ रुपए की लागत से तीन साल पहले इस मार्ग का निर्माण कराया गया था। निर्माण कार्य इतना घटिया था कि यह रोड एक साल भी नहींचली और आज हालत यह है कि रोड की जगह सिर्फ गड्ढे ही गड्ढे ही नजर आते हैं। कोई भी ऐसा नहींदिन जाता है कि जिस दिन कोई राहगीर या वाहन चालक घायल न होता हो।
प्रतिनिधि भी नहीं दे रहे ध्यान
यह मार्ग पिपराइच, कप्तानगंज, रामकोला समेत कई इलाकों को जोड़ती है। इस मार्ग से आए दिन जनप्रतिनिधि और हजारों लोग आवागमन करते हैं, फिर भी इसकी बदहाली की तरफ किसी की भी नजर नहीं जाती।
पिपराइच विधान सभा एरिया के पूर्व प्रत्याशी अमरजीत यादव ने पिपराइच मार्ग के निर्माण को शुरू कराने के लिए डीएम रंजन कुमार से मिलकर मार्ग के बारे में बताया। अमरजीत ने कहा कि यदि समय रहते निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया तो एरिया के लोग आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
जन प्रतिनिधि और अफसरों के उदासीनता की वजह से इस मार्ग पर चलना जानलेवा है। मार्ग पर बने बड़े-बड़े गढ्ड़े आये दिन हादसे को दावत दे रहे हैं।
ध्रुव कुमार, स्थानीय निवसी
चुनाव नजदीक आते ही जन प्रतिनिधि बड़े-बड़े वादे करते है, लेकिन बाद में कोई झांकने तक नहीं आता। अनदेखी की वजह से एरिया के लोगों को यह समस्या झेलनी पड़ रही है।
श्याम सुंदर लाल, स्थानीय निवसी
इस मार्ग पर चलने वाले अक्सर हादसा के शिकार होते हैं। लोगों में काफी गुस्सा है। यदि समय रहते निर्माण नहीं शुरू हुआ तो एरिया की जनता आंदोलन करेंगी।
रामउग्र चौहान, स्थानीय निवसी
वर्जन
तीन माह पहले नौ करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। अभी शासन स्तर से स्वीकृति नहीं मिली है। पैसा आने के बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
राजेश कुमार, अधिशासी अभियंता, भवन निर्माण, पीडब्ल्यूडी