- पांच लाख की लाटरी के लिए रीचार्ज और खाते में रुपये जमा कराए
- एक जालसाज ने दो नंबरों से मोबाइल पर किया था फोन
SARAHRI: चिलुआताल एरिया में पांच लाख की लाटरी का झांसा देकर जालसाज ने दिव्यांग दंपती से दस हजार रुपए ठग लिए। मोबाइल रीचार्ज और बैंक में रुपये जमा कराने के बाद जालसाज ने दस हजार की और डिमांड की तब जाकर पीडि़त को इसकी जानकारी हुई। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
पांच लाख का दिया लालच
चिलुआताल के रहने वाले रामबचन का बेटा जग्गू और उसकी पत्नी दोनों पैर से दिव्यांग हैं। 13 जनवरी को जग्गू के मोबाइल पर (7860671318, 7860057622) नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को एक मोबाइल कंपनी का कर्मचारी बताया। उसने जग्गू को पांच लाख रुपए की लॉटरी लगने का लालच दिया। उसने कहा कि कुछ कागजी औपचारिकताएं पूरी करके ये रकम आप ले सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले उसने जग्गू को एक मोबाइल नंबर पर दो हजार रुपए का रीचार्ज कराने को कहा।
15 जनवरी को फिर आया फोन
15 जनवरी की सुबह उसने दोबारा फोन किया और कुछ तकनीकी दिक्कत बताते हुए रकम न पहुंचने की बात कही। इसके बाद उसने जग्गू को एक बैंक खाते का नंबर दिया। खाताधारक मीणा के खाते में 6500 रुपए जमा करने की बात कही। जग्गू ने 15 जनवरी को 3500 और 18 जनवरी को 3000 रुपये खाते में जमा करा दिए। उसने कहा कि शाम तक आपके खाते में लॉटरी की रकम ट्रांसफर हो जाएगी। शाम तक रुपये न आने पर जग्गू ने उस नंबर पर फोन किया उसने 10 हजार रुपए और डालने की बात कही। जग्गू के इंकार कर दिया।
बैंक से मिली थी 51 हजार की मदद
दस हजार रुपये जमा करने के बावजूद लाटरी की रकम न मिलने पर दिव्यांग दंपती को ठगे जाने का अहसास हो गया था। इसके बावजूद जब जालसाज ने दस हजार रुपए और जमा करने की बात कही तो जग्गू ने लाटरी की रकम से काटकर बाकी रुपए भेजने की बात कही, इसके बाद जालसाज ने फोन बंद कर दिया। पीडि़त ने मामले की शिकायत चिलुआताल पुलिस से की है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। दिव्यांग दंपती बेहद गरीब हैं। दोनों के पैर काम न करने के चलते उनके सामने रोजीरोटी का संकट है। बीते छह जनवरी को ही बैंक ने उन्हें योजना के तहत जीवन यापन के लिए 51 हजार रुपये की मदद मिली थी।
मामले में पीडि़त की तहरीर पर फोन करने वाले जालसाज के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। पीडि़त से मिले फोन नंबर को सर्विलांस पर लगाया गया। जल्द ही जालसाज पुलिस की गिरफ्त में होगा।
रामपाल यादव, एसओ, चिलुआताल