गोरखपुर (ब्यूरो)।ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत में सिरदर्द और उल्टी जैसे सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं। इसलिए लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। इसका सबसे ज्यादा खतरा 5-8 साल के बच्चों और 50 से 70 साल के लोगों को होता है। मगर पिछले एक दशक में ऐसे हजारों मामले सामने आए हैं, जिनमें 15 से 30 साल के युवाओं में भी ब्रेन ट्यूमर के मामले देखे गए हैं। इसकी वजह मोबाइल का अधिक यूज है। ऐसे में ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षणों को जानना आपके लिए जरूरी है, ताकि समय रहते इस खतरनाक बीमारी का पता चल जाए और इलाज कराया जा सके।

क्या होता है ब्रेन ट्यूमर

जब शरीर के किसी भी अंग में कोशिकाएं सेल्स असामान्य रूप से विकसित होकर एक जगह पिंड के रूप में जमा हो जाती हैं, तो उन्हें ट्यूमर कहा जाता है। यही कोशिकाएं जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में जमा हो जाती है, तो इसे ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसरकारी होते हैं, यानी इनके होने पर व्यक्ति को जल्द ही ब्रेन कैंसर हो जाता है। वहीं कुछ ट्यूमर नॉन कैंसर होते हैँ। ये ट््यूमर मरीज की खोपड़ी के अंदर धीरे-धीरे बढ़ते रहते हैं और मस्तिष्क की स्वस्थ कोशिकाओं पर दबाव बनाने लगते हैं। ये मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकते हैँ और वे जीवन को खतरे में डाल सकते हैं।

ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण

सिर में दर्द ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण में से एक है। इसमें अकसर सुबह उठते ही तेज सिरदर्द शुरू हो जाता है। जो दिन में ठीक हो जाता है। झुकने पर और व्यायाम करने पर यह सिरदर्द अधिक हो जाता है। ब्रेन ट्यूमर में सुनने में परेशानी होती है। कानों में हमेशा ही कुछ आवाज सुनाई देती रहती है। इसके अलावा कमजोरी, बोलने व चलने में दर्द, मांसपेशियों पर घटता नियंत्रण और घटती चेतना आदि भी ट्यूमर के कारण हो सकते हैं। उल्टी व जी मिचलाना, चक्कर आना, दृष्टि संबंधी तकलीफ, धुंधला दिखाई देना, आंखों की नस में सूजन आना, दौरे पडऩा, मांसपेशियों में ऐठन महसूस होना, हाथ पैर या फिर पूरे शरीर का फड़कना, अचानक बेहोश हो जाना आदि भी लक्षण हैं।

ब्रेन ट््यूमर में याददाश्त पर असर

ब्रेन ट्यूमर के मरीज की याददाश्त पर भी असर पड़ सकता है। इसके मरीज को चलने में प्रॉब्लम या शरीर के एक भाग में कमजोरी महसूस होती है। बोलने में भी परेशानी होती है। बोलने या किसी शब्द को समझने में कठिनाई। लिखने, पढऩे या मामूली जोड़ घटाव में परेशानी, कुछ गतिविधियों के संचालन में परेशानी भी इसी का लक्षण है।

आधुनिक तकनीकों से ब्रेन ट्यूमर का इलाज संभव

न्यूरो सर्जन डॉ। मुकेश शुक्ला ने बताया, ब्रेन ट्यूमर का इलाज अब हमारे देश में संभव है। अगर शुरुआती अवस्था में ही इस बीमारी का पता चल जाए, तो इलाज आसान हो जाता है और व्यक्ति के मस्तिष्क को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। अगर आप लक्षणों को नजर-अंदाज करते रहते हैं, तो ये ट्यूमर कैंसर भी बन सकता है। आधुनिक तकनीकों और सर्जरी के द्वारा आजकल ब्रेन ट्यूमर का इलाज संभव है। एमआरआई और सिटी स्कैन करवाकर इसका पता लगाया जाता है। एंडोस्कोपिक एवं माइक्रोस्कोपिक तकनीकों से ट््यूमर का ऑपरेशन सफलता से किया जा सकता है। इस तकनीकी की मदद से पूरा मस्तिष्क खोले बिना ही ट्यूमर आसानी से निकाला जा सकता है।