मैं जिंदा हूं साहब
-पेंशन के लिए खुद के जीवित होने का प्रमाण दे रहे पेंशनर
-कलेक्ट्रेट में डेली आ रहे 250 से 300 लोग
GORAKHPUR:
साहब, मैं जिंदा हूं। कागज पर देखो, मेरी ही फोटो लगी है। फॉर्म भी भर दिया है साहब। अब कोई दिक्क्त तो नहीं होगी। मेरी पेंशन आती रहेगी ना साहब। ऐसी ही फरियाद लेकर कलेक्ट्रेट में बुजुर्गो की लंबी लाइन लग रही है। पेंशन के लिए वे अपने जिंदा होने का सबूत पेश करने जा रहे हैं। एक नवंबर से ख्0 दिसंबर के बीच कलेक्ट्रेट में पेंशनर्स रिकार्ड को अपडेट करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जिसके लिए पेंशनर्स को एक फॉर्म भर कर लाइफ सर्टिफिकेट देना होता है। इसके लिए कलेक्ट्रेट में लंबी लाइन लग रही है। हालांकि यह सुविधा बैंक में भी उपलब्ध है।
ख्भ् हजार से अधिक हैं पेंशनर्स
गोरखपुर में इस टाइम ख्भ् हजार से अधिक पेंशनर्स है। जो विभिन्न सरकारी विभागों से रिटायर हैं। डीएम के आदेश पर हर साल ट्रेजरी ऑफिस में पेंशनर्स का डाटा अपडेट किया जाता है। जिसके लिए नवंबर मंथ में सभी पेंशनर्स को अपने जीवित होने का प्रमाणपत्र पेश करना होता है। अगर कोई पेंशनर ऐसा नहीं करता है तो उसका नाम डाटा से हटा दिया जाता है। जिससे उसकी पेंशन बंद हो जाती है। हालांकि विभाग नाम कटने के बावजूद जांच करता है। एक नवंबर से ख्0 दिसंबर के बीच सभी पेंशनर्स का रिकार्ड मांगा गया है। इसके लिए डेली ख्भ्0 से फ्00 पेंशनर अपना जीवित होने का रिकार्ड ऑफिस में पेश कर रहे हैं। हालांकि ये सुविधा बैंक में भी दी गई है। मगर बैंक से रिकार्ड दिसंबर के लास्ट में आता है। इससे कई बार पेंशनर की एक माह की पेंशन रुक जाती है। जिसको देखते हुए पेंशनर बैंक में कम और कलेक्ट्रेट में अधिक अपना सर्टिफिकेट पेश करते हैं।
वर्जन-
गोरखपुर में ख्भ् हजार से अधिक पेंशनर्स है। जो लगातार पेंशन का लाभ ले रहे हैं। हर साल की तरह इस बार भी पेंशनर अपने जीवित होने का सर्टिफिकेट पेश कर रहे है। जिसके बाद डाटा रिन्यूवल कराया जाएगा। जनवरी में सिर्फ उन्हीं की पेंशन भेजी जाएगी, जिनका जीवित सर्टिफिकेट मिलेगा।
पीके सिंह, चीफ ट्रेजरी ऑफिसर