- सिटी के तीनों डिवीजन में पड़े हैं कम से कम 15 हजार से अधिक बिल
- बिल न सही होने से डेली कंज्यूमर्स हो रहे परेशान
- किसी का बिल आरडीएफ तो किसी का सीडीएफ है बिल
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : बिजली विभाग के अफसर इस माह बहुत व्यस्त हैं। उनकी व्यस्तता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस माह सिटी में 15 हजार कंज्यूमर्स अपना गड़बड़ बिल लेकर बिजली विभाग के ऑफिसेज के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनका बिल सही नहीं हो पा रहा है। बिल सही न होने के कारण वे बिल जमा नहीं कर पा रहे हैं।
60 हजार में से 15 हजार बिल गड़बड़
महानगर विद्युत वितरण निगम के एक्सईएन एके सिंह का कहना है कि सिटी में कुल 1 लाख 42 हजार कंज्यूमर्स हैं। जिनमें हर माह 60 से 70 हजार कंज्यूमर्स का बिल बिलिंग कंपनी बनाती है। इसमें से 45 से 50 हजार कंज्यूमर्स अपना बिल जमा करते हैं। सोर्सेज की मानें तो पूरे सिटी में इस माह कम से कम 15 हजार कंज्यूमर्स का बिल गड़बड़ हुआ है। ऐसे में जो 60 हजार कंज्यूमर्स बिल जमा करते हैं, उनमें भी 15 हजार का बिल गड़बड़ होने से अफसरों के माथे पर पसीना आ गया है।
आरडीएफ और सीडीएफ बने हैं बिल
सिटी में इस माह जो 15 हजार के लगभग बिल गड़बड़ हुए हैं, उनमें सबसे अधिक बिल आरडीएफ (रीडिंग डेफेक्टिव) और सीडीएफ (सीलिंग डिफेक्टिव) बने हैं। बिजली विभाग के एक जेई ने बताया कि प्रत्येक जेई के पास कम से कम सौ से डेढ़ सौ गड़बड़ बिल पेंडिंग हो गए हैं। कोई भी गड़बड़ बिल तभी सही हो पाता है, जब गड़बड़ बिल की रीडिंग जेई वेरीफाई करते हैं और एसडीओ उसको बिल सही करने वाले बाबू के पास भेजते हैं। कांबिंग अभियान चलने के कारण सिटी के एसडीओ और जेई चेकिंग अभियान में व्यस्त हैं। ऐसे में वह आफिस में न बैठने के कारण यह सभी बिल सही नहीं हो रहे हैं।
बिल तो हर माह गड़बड़ आते हैं, लेकिन उनको सही कर दिया जाता है। इस माह क्यों बिल सही नहीं हो रहे हैं, इसकी जानकारी नहीं हैं। जल्द ही सारे बिल सही करने के लिए निर्देश दे दिए जाएंगे।
एसपी पांडेय, एसई महानगर विद्युत वितरण निगम