- पार्षद विजयराज जायसवाल ने लगाया बिना काम भुगतान का लगाया
- नगर आयुक्त कार्यालय के सामने धरने पर बैठे पार्षद
GORAKHPUR: नगर निगम के पुराना गोरखपुर वार्ड में इन दिनों नया खेल चल रहा है। यह खेल है बिना काम के भुगतान का। वार्ड मेंकई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें बिना काम के ही जीएमसी ने भुगतान कर दिया। यह आरोप लगाया है वार्ड नं म्भ् के पार्षद विजयराज जायसवाल ने। वे जांच की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। करीब एक घंटे बाद नगर आयुक्त ने आकर उन्हें जांच का आश्वसान दिया और एक सप्ताह का समय मांगा। पार्षद का आरोप की तहकीकात जब आई नेक्स्ट टीम ने की तो कई रात परत दर परत खुलने लगे।
लगभग भ्0 लाख रुपए का घालमेल
पार्षद विजयराज जायसवाल का आरोप है उनके वार्ड में क्ब् कामों का भुगतान बिना काम के कर दिया गया और इसमें करीब पूरे मामले में करीब भ्0 लाख रुपए का गोलमाल किया गया है। पार्षद का आरोप है कि जो भी फर्जी काम हुए वह उनके प्रस्ताव पर नहींहुए। जबकि उनक कामों के बदले भुगतान कर दिया गया।
बिना काम भुगतान का मामला दिखा
पूरा मामला सामने आने के बाद आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने पुराना गोरखपुर के कुछ एरिया का जायजा लिया। गोरखनाथ हॉस्पिटल के सामने ब् लाख रुपए की लागत से फुटपाथ बनाने का काम हुआ था। इसका भुगतान भी हो गया था, लेकिन जब आई नेक्स्ट टीम गोरखनाथ हास्पिटल के सामने गई दिखा कि एक तरफ तो फुटपाथ बनाया गया है, लेकिन दूसरी तरफ कहीं भी फुटपाथ का नामो निशान नहींहै। यही हाल झूलेलाल मंदिर के पास नाले की दीवार के सामने हुई मरम्मत का था। दीवार की मरम्मत के नाम पर नगर निगम द्वारा ब्भ् हजार रुपए का भुगतान किया गया। जब आई नेक्स्ट टीम ने जब नाले के आस-पास के लोगों से पूछा तो पता चला कि जब नाला बना था, तभी की दीवार बनी हुई है।
हमारे वार्ड में ख्0क्ख्-क्ब् गोलमाल हुआ है। निर्माण, पथ प्रकाश और जलकल विभाग के जूनियर इंजीनियर्स ने बिना काम हुए भुगतान कर दिया है। हमारी मांग है कि जो काम हुए है उनका विवरण उपलब्ध कराया जाए। साथ ही जांच कर दोषी को सख्त सजा दी जाए।
विजय राज जायसवाल,
पार्षद, वार्ड नं म्भ् (पुराना गोरखपुर)
पार्षद ने जो हम पर फर्जी भुगतान का आरोप लगाया है वह गलत है। हमने जो भी काम किया है वह काम पब्लिक या किसी अन्य की कंप्लेन पर किया है। जलकल के कार्य वार्ड में दिख रहे हैं, उन्हीं का भुगतान हुआ है।
अनिल श्रीवास्तव,
जेई जलकल
हमने कोई फर्जी भुगतान नहीं किया है। पार्षद किसी भी जांच एजेंसी से हमारे कार्य और भुगतान की जांच करा सकते हैं। हमने उन्हीं कार्यो को भुगतान किया है जो कार्य हुए हैं।
सदानंद मौर्या,
जेई निर्माण