- पेशेंट को करना पड़ा परेशानी का सामना
GORAKHPUR: जिला अस्पताल में आये दिन कोई ना कोई बवाल रहता है। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। बुधवार को एक घंटे पहले ही आर्थो ओपीडी बंद कर दी गई। लंबी लाइन में लगे मरीजों को पहले डॉक्टर का इंतजार करना पड़ा, इसके बाद मायूस होकर घर लौट जाना पड़ा।
डॉक्टर मौजूद न होने से दिक्कत
जिला अस्पताल के आर्थो के डॉ। घनश्याम सिंह छुट्टी पर है और डॉ। अम्बुज श्रीवास्तव मेडिकल कॉलेज में आयोजित सेमिनार में चले गए। वहीं डॉ। ओपी चौधरी को ओपीडी से पोस्टमॉर्टम हाउस पर ड्यूटी लगा दी गई। उन्हें पोस्टमॉर्टम हाउस के लिए जाना पड़ा। आर्थो ओपीडी के बाहर मरीजों की लंबी लाइन लगी हुई थी। वह डॉक्टर का इंतजार कर रहे थे, लेकिन आर्थो कक्ष में एक भी डॉक्टर नहीं थे। जब पेशेंट को यह जानकारी मिली कि डॉक्टर नहीं है, तो वह अस्पताल प्रशासन से शिकायत की लेकिन इसका असर नहीं दिखा। एसआईसी डॉ। एचआर यादव ने बताया कि डॉक्टर ने पेशेंट का इलाज किया। ड्यूटी पर जाने की वजह से थोड़ी समस्या आई थी। बाद में इसे ठीक कर लिया गया।
15 दिन से भटक रही महिला
राजघाट एरिया के सीमा 15 दिनों से अस्पताल का चक्कर लगा रही है। लेकिन उसके हार्निया का ऑपेरशन नहीं किया जा रहा है। इसे लेकर वह एसआईसी से शिकायत भी की थी। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि एनेस्थीसिया डॉक्टर छुट्टी पर है। जल्द ही ऑपरेशन करवा दिया जाएगा।
डॉ। नीना त्रिपाठी बनी एसआइ्रसी
जिला महिला अस्पताल की कार्यवाहक एसआईसी डॉ। नीना त्रिपाठी को बनाया गया। बुधवार को एसआईसी डॉ। मिन्टू शर्मा के रिटायर्ड होने के बाद उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है। अस्पताल की जिम्मेदारी संभालते हुए कहा कि यह गरीबों का अस्पताल है। यह हर पेशेंट का एक ही नजर से देखा जाता है। बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराना मेरी प्राथमिकता है। दवा से लेकर सभी चिकित्सकीय सुविधाएं दी जाएगी।