- भुखमरी की कगार पर संविदा स्टाफ नर्सेज व कर्मी
- पांच महीने से नहीं मिल सका है मानदेय
- लैब टेक्नीशियंस, फार्मासिस्ट्स व आशा बहुओं की हड़ताल भी बनी मुसीबत
GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 120 संविदा नर्सेज के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है। बीते पांच महीने से उन्हें मानदेय नहीं मिला है। नर्सेज ने मानदेय भुगतान के लिए ट्रॉमा सेंटर के नोडल अधिकारी से गुहार लगाई मगर कोई नतीजा नहीं निकला। इस कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भुगतान के लिए प्रिंसिपल डॉ। राजीव मिश्र और ट्रॉमा सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ। आरसी यादव से भी मुलाकात हुई मगर नतीजा सिफर ही रहा। उधर, जिला अस्पताल में दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर रहे लैब टेक्नीशियंस व फार्मासिस्ट्स की हड़ताल के चलते मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। गिने चुने लोगों की ही जांच हो पा रही है। वहीं, आशा बहुओं का प्रदर्शन शनिवार को भी सीएचसी व पीएचसी पर स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित करता रहा।
नारों के बीच मरीजों की सांसत
पदोन्नति व वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर शुक्रवार से लैब टेक्नीशियंस व फार्मासिस्ट्स ने रोजाना दो घंटे कार्य बहिष्कार शुरू किया है। इस क्रम में शनिवार सुबह आठ बजे ही दोनों संवर्ग के कर्मचारी काम ठप कर जिला अस्पताल में प्रदर्शन करने लगे। इसके कारण जिला अस्पताल एवं महिला अस्पताल में सुबह आठ से दस बजे तक पैथोलॉजी व दवा वितरण दो घंटे बंद रहा। इस दौरान मरीजों को काफी सांसत झेलनी पड़ी।
महज 46 की हुई जांच
जिला अस्पताल की ओपीडी सुबह आठ बजे से ही शुरू हो गई। पहले एक घंटे में ही दो सौ से अधिक मरीज पैथोलॉजी सेंटर के बाहर कतार में लग गए। इसमे बड़ी संख्या में वह मरीज भी शामिल थे जिन्होंने शुक्रवार को डॉक्टर से इलाज कराया था। शनिवार को हॉफ डे होने के कारण पैथोलॉजी में नमूना लेने का समय भी सुबह आठ बजे से दस तक ही है। कार्य बहिष्कार खत्म होने के बाद लैब टेक्नीशियंस ने नमूना लेने से इनकार कर दिया। दर्द से तड़पते मरीजों ने उनसे बहुत गुहार लगाई जिसके बाद वह पसीजे और 30 मिनट तक नमूना लेने का फैसला किया। इस दौरान सिर्फ 46 मरीजों का नमूना लिया गया। शेष मरीजों को बैरंग लौटा दिया गया। जबकि सामान्य दिनों में ढाई सौ से अधिक मरीजों के नमूनों की जौंच पैथोलॉजी में होती है।
आशाएं भी अड़ीं
उधर चार सूत्रीय मांगों को लेकर आशा बहुएं शनिवार को भी धरने पर रहीं। उन्होंने सीएचसी-पीएचसी पर जोरदार प्रदर्शन किया। शनिवार को ऑल इंडिया आशा बहू कार्यकत्री कल्याण सेवा की राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदा यादव ने कहा कि आशा बहू व आशा संगिनी को कर्मचारी घोषित किया जाए, मासिक वेतन 15 हजार किया जाए और आशा व संगिनी की सुरक्षा और अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह समान वेतन दिया जाए।