- बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर में नौ दिन से एक मरीज को है एम्बुलेंस का इंतजार
- एक पैर का हुआ है ऑपरेशन और अम्बेडकर नगर जाना है वापस
GORAKHPUR: 'इंतेहा हो गई इंतजार की' इंतजार करने वालों की जुबां पर मजाहिया लहजे में अक्सर यह गाना आ रही जाता है। काफी इंतजार के बाद जब लोग वहां पहुंचते हैं, तो वह उन्हें यह गाना सुनाने से नहीं चूकते। मगर इस बार मामला सीरियस है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज ट्रॉमा सेंटर के इमरजेंसी वार्ड में एक मरीज दोनों पैर से घायल हालत में पड़ा हुआ है। एक पैर का ऑपरेशन हो चुका है और उसे नौ दिन पहले ही डिस्चार्ज भी कर दिया गया। मगर तबसे वह एंबुलेंस के इंतजार में नजरे जमाए बैठा है। अंबेडरकरनगर जाने के लिए वह पिछले नौ दिनों से मेडिकल कॉलेज में ही पड़ा हुआ है। उधर जिम्मेदारों का कहना है कि एम्बुलेंस की सेवा उपलब्ध न होने की वजह से यह समस्या उत्पन्न हो रही है।
एक्सीडेंट की मुश्किलें बढ़ी
आजमगढ़ जिले के देवगांव थानाक्षेत्र के कटघर लालगंज निवासी चंद्र प्रकाश शुक्ला 9 मई को कुसम्ही बाजार किसी काम से गए थे। वह मुख्य चौराहे पर बैठक कर किसी से बात कर रहा था। इस दौरान तेज रफ्तार में एक अज्ञात कार ने टक्कर मार दी। हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल भेजा गया, जहां उसका इलाज चल रहा था। हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टर ने 11 मई को उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। जहां डॉक्टर ने उसे दाहिने पैर का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद उसे ट्रॉमा सेंटर के इमरजेंसी बेड नंबर 11 पर भेज दिया।
16 मई को कर दिया डिस्चार्ज
चंद्र प्रकाश शुक्ला से जब इस संबंध में बात कि गई तो उसने बताया कि मेरे भाई है जिनसे जमीन को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है। मेरी पत्नी की भी मौत हो चुकी है। देखने वाला कोई नहीं है। अम्बेडकर नगर में एक दोस्त के साथ रहता हूं। उसी के पास जाना चाहता हूं। इसके लिए जिम्मेदार चिकित्सकों से भी कहा कि हमें एम्बुलेंस द्वारा अम्बेडकर नगर भिजवा दें। उन्होंने बताया कि नौ दिन पहले ही डिस्चार्ज कर दिया गया। यहां मेरी हालत और बिगड़ रही है। एक पैर का ऑपरेशन हुआ है तो दूसरा भी फैक्चर है। इस दशा में पैदल चल भी नहीं पा रहा हूं।
मरीज को उसके गंतव्य तक भेजने के लिए मेडिकल कॉलेज के पास सुविधा नहीं है। इसके लिए सीएमओ को पत्र भेजा गया है। एम्बुलेंस मिलने के बाद मरीज को उसके घर भेज दिया जाएगा।
डॉ। एके श्रीवास्तव, कार्यवाहक एसआईसी