- एक माह में 4000 पेशेंट्स ने कराया इलाज
- होम्पोपैथिक, यूनानी, आयुर्वेदिक पद्धति की ओर मरीजों का लगाव
GORAKHPUR: डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल कैंपस में बना आयुष हॉस्पिटल मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है। जहां पहले लोग आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथिक दवाओं पर विश्वास नहीं करते थे। अब वहीं इन अस्पतालों में मरीजों का तांता लगा हुआ है। आंकड़ों पर नजर डालें तो एक महीने में तीनों पद्धति में करीब 4000 से अधिक मरीजों का इलाज किया गया। वहीं रोज दर्जनों मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा
लोगों को आयुर्वेद पर विश्वास काफी बढ़ा है। एक महीने में औसतन 1400 पेशेंट्स इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। मरीजों की मानें तो उन्हें फायदा भी है। इसी तरह यूनानी दवाइयों के मामले में भी है। यूनानी दवाएं मार्केट में बहुत महंगी है, लेकिन आयुष अस्पताल के यूनानी शाखा में इन दवाओं को मुफ्त में उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें हमदर्द कंपनी की दवाएं प्रमुखता से दी जा रही हैं। एक महीने में औसतन यूनानी हॉस्पिटल में 1000 पेशेंट्स इलाज के लिए पहुंचे है। होम्योपैथी पर भी मरीजों का विश्वास बढ़ा है और यहां भी औसतन 1500 पेशेंट्स इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
बदल गया आयुर्वेद का दौर
आयुर्वेद दवाओं का नाम लेते ही जड़ी-बूटी, तरह-तरह की चटनी और पुडि़या ही ध्यान में आती है। जिसे देखने के बाद लोग उसे खाने से डरते हैं। लेकिन अब जमाना बदल चुका है। अब आयुष डिपार्टमेंट में आयुर्वेदी दवाएं पुडि़या के बजाए कैप्सूल और टैबलेट फॉर्म में मिलने लगी हैं। जिससे लोगों के अंदर का डर कुछ हद तक खत्म हो गया है। वहीं जहां पहले होम्योपैथिक सरकारी अस्पताल में दवाएं लेने के लिए गोली, शीशी साथ लेकर आना पड़ता था। अब वैसी स्थिति नहीं है। आपके होम्योपैथिक अस्पताल में पहुंचते ही नामी कंपनियों के टिंचर वाली दवा बीमारी के हिसाब से मिल जाएगी।
होम्योपैथिक पद्धति में विभिन्न बीमारियों का कारगर इलाज संभव है। पेट, चर्म रोग, गुर्दे की पथरी, शरीर में कहीं भी गांठ हो जाए, जोड़ों के दर्द का इलाज बिना किसी साइडिफेक्ट के किया जाता है। दवाओं का सेवन करने से पहले विशेषज्ञ द्वारा बताए गए परहेज का ध्यान पेशेंट्स को रखना जरूरी है।
डॉ। डीपी सिंह, होम्योपैथिक चिकित्सक
यूनानी पद्धति में पेट, गैस, लीवर, किडनी में पथरी आदि बीमारियों का उपचार आसानी से होता है। एलोपैथिक दवाओं से कुछ साइडिफेक्ट हो जाते हैं, लेकिन इसका कोई साइडिफेक्ट नहीं है। यहां पेशेंट्स तमाम बीमारियों से परेशान होकर आते हैं, जिसमें अधिकांश को लाभ मिलता है।
डॉ। समी अख्तर, यूनानी चिकित्सक
आयुर्वेदिक पद्धति में पाइल्स, पेट में गैस, जोड़ों का दर्द, सर्दी, खांसी, बुखार, सांस फूलने, महिलाओं और स्किन से संबंधित बीमारियों का इलाज किया जाता है। आयुर्वेदिक पद्धति की तरह मरीजों का लगाव बढ़ा है और वह इसका लाभ भी ले रहे हैं। वहीं दवाइयों के साथ बीमारियों के बारे में भी बताया जाता है।
डॉ। आशीष त्रिपाठी, आयुर्वेद चिकित्सक