- वार्ड में भर्ती पेशेंट की हालत खराब

- डॉक्टर व स्टाफ नर्स ने नहीं ली सुधि

GORAKHPUR : जिला अस्पताल में गजब की लापरवाही हो रही है। इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती एक मरीज इलाज शुरू होने के इंतजार में तड़पती रही, लेकिन उसका इलाज दोपहर बाद शुरू नहीं हो सका। यह हाल तब है जब एसआईसी खुद नजर रखे हुए है और शिकायतों पर लगातार कार्रवाई कर रहे हैं।

भागदौड़ पर मिला इलाज

एसएसपी कंपाउंड में रहने वाले चंद्रमा ने बेटी श्वेता की तबियत खराब होने पर जिला अस्पताल के इमरजेंसी में दिखाया। इमरजेंसी में कुछ दवाएं देने के बाद ड्यूटी डॉक्टर ने श्वेता को इंसेफेलाइटिस वार्ड में शिफ्ट कर दिया। श्वेता वहां जा कर भर्ती हो गई लेकिन किसी ने भी उसे अटेंड नहीं किया। उसे सिर्फ बेड नंबर बताया गया। परिजन इस इंतजार में थे कि श्वेता का इलाज कब शुरू होगा। सिस्टर ड्यूटी रूम में उसकी बीएचटी भी थी। लेकिन किसी ने उसकी बीएचटी पर लिखी गई दवाएं नहीं शुरू की। दर्द बर्दाश्त से बाहर हो गया तो परिजनों ने दौड़भाग शुरू की। आखिकार उसका इलाज शुरू हुआ।