- मेडिकल कॉलेज में प्लास्टर चार्ज देने के बाद भी बाहर से मंगाए जा रहे कॉटन, पट्टी

- कॉटन, पट्टी नहीं मिलने से बढ़ी मरीजों की मुसीबत

GORAKHPUR: मेडिकल कॉलेज के आर्थो प्लास्टर रूम की हकीकत आप को हैरान कर देगी। मंगलवार को इसका खुलासा खुद एक पेशेंट ने किया। उसने बताया कि प्लास्टर के लिए काउंटर पर चार्ज जमा किया जाता है। बदले में कॉटन, पट्टी और पीओपी मेडिकल कॉलेज की ओर से मिलती है। लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हो रहा है। पेशेंट्स को एक पर्ची थमाकर बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक सिर्फ पांच मरीजों के लिए ही कॉटन, पट्टी दी जाती है। जबकि हर रोज 20 से 30 पेशेंट्स का प्लास्टर होता है। बाकी को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।

इस तरह खुली पोल

आ‌ई्र नेक्स्ट रिपोर्ट मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे आर्थो प्लास्टर रूम का सच जानने के लिए पहुंचा। यहां आधा दर्जन पेशेंट्स का प्लास्टर किया जा रहा था। इसी दौरान प्लास्टर कराकर बाहर निकले गुलरिहा बाजार के रहने वाले कैलाश मद्धेशिया से इसकी हकीकत जानने की कोशिश की। पहले तो वह कुछ बोलने से इंकार कर दिया। इसके बाद बताया कि यूजर चार्ज काउंटर पर कच्चा प्लास्टर के लिए 67 रुपये और पक्का प्लास्टर कराने के लिए 267 रुपये लिए जाते हैं। मगर सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं दिया जा रहा है। आर्थो विशेषज्ञ पर्ची पर कॉटन, पट्टी और दवाएं लिखकर बाहर भेज रहे हैं। अधिकांश मरीजों को बाहर से सामान लाना पड़ रहा है। अगर आपत्ति जताई जाती है तो उनका प्लास्टर नहीं हो पाता है। इलाज कराना है तो उनकी वाली सुननी पड़ती है।

बजट का रो रहे रोना

जब कॉटन, पट्टी पर जिम्मेदारों से सवाल किया गया तो उनका सीधा जवाब है कि बजट नहीं मिलने की वजह से समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इस बात से तनिक भी गुरेज नहीं किया जा सकता है कि मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था चौपट होती जा रही है। उधर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी का दावा करने में लगा है।

वर्जन

बजट की कमी की वजह से समस्याएं बनी हुई हैं। लेकिन फिर भी इसकी में काम चलाया जा रहा है। बजट मिलने के बाद सभी सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी।

डॉ। एके श्रीवास्तव, कार्यवाहक एसआईसी