गोरखपुर (ब्यूरो)। गोरखपुर रीजन की करीब 26 एसी बसें मरम्मत के अभाव में खड़ी हो गई है, जिसकी वजह से पिछले करीब तीन महीने से इन बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। सबसे ज्यादा एसी बसों की कमी प्रयागराज, वाराणसी और लखनऊ रूट पर है। जबकि इस रूट पर सबसे ज्यादा पैसेंजर्स सफर करते हैं। जबकि रोडवेज प्रशासन पैसेंजर्स को सुविधा मुहैया कराने का हर बार दावा करता है लेकिन पैसेंजर्स की सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। सड़क पर पर्याप्त एसी बसों के नहीं चलने से पैसेंजर्स को प्रॉब्लम का सामना करना पड़ रहा है। मजबूरी में उन्हें सामान्य बसों से सफर करना पड़ रहा है।

बसों की कमी से सुविधा नहीं

गर्मी में ज्यादातर पैसेंजर्स एसी बस में सफर करना चाहते हैं, लेकिन बस की कमी के चलते सुविधा नहीं मिल पा रही है। राप्तीनगर डिपो की आधी से कम बसें ही सड़क पर दौड़ रही हैं। मरम्मत के लिए जगह-जगह खड़ी हैं। बस नंबर यूपी 53 डीटी 4861, यूपी 53 डीटी 4816, लखनऊ में खड़ी है। यूपी 53 डीटी 4801 पलवन डिपो में खड़ी है। एक दर्जन से अधिक बसें राप्तीनगर डिपो में हैं। इसके निर्धारित रूटों पर एसी बसें कम पड़ गई हैं। राप्तीनगर डिपो में कुल 53 जनरथ बसें थीं, इनमें करीब 43 ही बची हैं, शेष अन्य डिपो को ट्रांसफर कर दी गई हैं। जो बची हैं, उनमें भी आधे से अधिक मरम्मत के लिए खड़ी हैं।

काम छोड़ भागी एजेंसी

जनरथ बसों की मरम्मत करने वाली एजेंसी कार्य छोड़कर भाग गई है। परिवहन निगम किसी तरह ठेके पर बसों की मरम्मत करा रहा है। इसके चलते बसें पूरी तरह दुरुस्त नहीं हो पा रही। पिछले सप्ताह ही दिल्ली से गोरखपुर आ रही और गोरखपुर से लखनऊ जा रही जनरथ बस की एसी से पानी टपकने का वीडियो वायरल हुआ था। राप्तीनगर डिपो के एआरएम अशोक कुमार सिंह का कहना है कि मरम्मत संबंधित कार्य बढ़ गए हैं। इसके बाद भी बसों की मरम्मत कराई जा रही है। डिपो में 14 बसें खड़ी हैं, उनकी मरम्मत भी जल्द पूरी करा ली जाएगी।

डिपो रूट पर बसें वर्तमान में संचालित

प्रयागराज 11 02

वाराणसी 11 02

लखनऊ 12 06

नोट-राप्तीनगर डिपो में कुल 53 जनरनथ एसी बसें.

एसी बसों की कमी से प्रॉब्लम होती है। एक दो संचालित भी हो रही है तो इसके लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। जिससे परेशानी झेलनी पड़ती है।

राजन, पैसेंजर

गर्मी में सबसे ज्यादा एसी बस की डिमांड रहती है। लेकिन इस समय काफी कमी है। जिसकी चलते प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है।

संजय दुबे, पैसेंजर

बसों की मरम्मत कराई जा रही है। मरम्मत के बाद ही बसें सड़क पर निकल रही हैं। मरम्मत के लिए नई एजेंसी नामित करने के लिए मुख्यालय लखनऊ को पत्र लिखा गया है। प्रयास किया जा रहा है कि पैसेंजर्स को परेशानी न उठानी पड़े।

- पीके तिवाारी, आरएम-परिवहन निगम